सुल्तानपुर में अंडा व्यवसायी संतराम अग्रहरि हत्याकांड के मुख्य साजिशकर्ता अब भी फरार हैं। पुलिस पर संरक्षण के आरोप लगे हैं और थाना प्रभारी का वायरल ऑडियो मामले को और गंभीर बना रहा है।

मृतक का फाइल फोटो
Sultanpur: यूपी के सुल्तानपुर में अंडा व्यवसायी संतराम अग्रहरि हत्याकांड एक बार फिर सुर्खियों में है। हत्या के कई महीने बाद भी मुख्य साजिशकर्ता खुलेआम कानून को चुनौती देते नजर आ रहे हैं। भाजपा नेता अर्जुन पटेल और उसका भाई प्रदीप पटेल अब तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। आरोप है कि दोस्तपुर पुलिस उन्हें खुला संरक्षण दे रही है। हालात तब और गंभीर हो गए, जब थाना प्रभारी का एक ऑडियो वायरल हुआ, जिसमें वह पीड़ित परिवार को फटकार लगाते और गिरफ्तारी से साफ इनकार करते सुनाई दे रहे हैं।
वायरल ऑडियो से मचा हड़कंप
पीड़ित व्यापारी के बेटे ने जब फरार आरोपी प्रदीप पटेल के घर पहुंचने की सूचना दोस्तपुर थाना इंचार्ज अनिरुद्ध सिंह को दी, तो जवाब सुनकर वह सन्न रह गया। वायरल ऑडियो में इंस्पेक्टर कहते सुने जा रहे हैं कि गिरफ्तारी तभी होगी, जब न्यायालय का आदेश आएगा, क्योंकि चार्जशीट लग चुकी है। इंस्पेक्टर ने पीड़ित को डांटते हुए कहा कि केवल कहानी सुनाते हो, कानून मत सिखाया करो। यहां तक कहा गया कि हम क्या करें, जाकर गोली मार दें। इस ऑडियो के सामने आने के बाद पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
कोर्ट के आदेश भी बेअसर
इस मामले में कोर्ट पहले ही सख्त रुख अपना चुका है। 13 नवंबर 2024 को गैर-जमानती वारंट और 23 जनवरी 2025 को कुर्की का आदेश जारी किया गया था। इसके बावजूद अर्जुन पटेल और प्रदीप पटेल अब तक फरार हैं। इतना ही नहीं, इलाहाबाद हाईकोर्ट से भी दोनों की याचिका खारिज हो चुकी है, लेकिन गिरफ्तारी की दिशा में कोई ठोस कार्रवाई नहीं दिख रही।
कुर्की अब तक सिर्फ कागजों में
आईजीआरएस पर की गई शिकायत के जवाब में पुलिस ने बताया कि आरोपियों की चल-अचल संपत्ति की जानकारी के लिए एसडीएम जयसिंहपुर से पत्राचार किया गया है। दावा किया गया कि संपत्ति का ब्योरा मिलते ही कुर्की की कार्रवाई होगी। हालांकि हकीकत यह है कि अब तक मौके पर कोई कुर्की नहीं की गई, जिससे पुलिस की नीयत पर सवाल और गहरे हो गए हैं।
अक्टूबर में हुई थी सनसनीखेज हत्या
8 अक्टूबर 2024 को दोस्तपुर थाना क्षेत्र के गोसैसिंहपुर गांव में अंडा व्यवसायी संतराम अग्रहरि की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मृतक के बेटे की तहरीर पर पहले कुछ नामजद और अज्ञात आरोपियों पर केस दर्ज हुआ। जांच में बाद में अर्जुन पटेल, प्रदीप पटेल, राहुल शर्मा, सौरभ वर्मा, शिवम पटेल और मोनू के नाम भी जोड़े गए।
मंत्री का आश्वासन भी बेअसर
मामले में यूपी सरकार के मंत्री नंद गोपाल नंदी भी पीड़ित परिवार से मिले थे, लेकिन उनके आश्वासन के बाद भी हालात जस के तस हैं। सीओ कादीपुर विनय गौतम का कहना है कि चार्जशीट दाखिल हो चुकी है और कोर्ट के आदेश पर ही आगे की कार्रवाई संभव है। लेकिन सवाल यह है कि जब कोर्ट के आदेश पहले से हैं, तो कार्रवाई क्यों नहीं हो रही।