

सोनभद्र के भारत हॉस्पिटल में 12 वर्षीय बालक की इलाज के दौरान मौत पर प्रशासन सख्त हो गया है। जिलाधिकारी ने तीन सदस्यीय जांच समिति गठित कर सभी पहलुओं की जांच के आदेश दिए हैं। अस्पताल की पंजीकरण स्थिति से लेकर चिकित्सा स्टाफ की योग्यता तक की जांच की जाएगी।
जिलाधिकारी बद्रीनाथ सिंह
Sonbhadra: जिले के कोन थाना क्षेत्र अंतर्गत बैंक मोड़ पंचमुहान में स्थित एक निजी अस्पताल 'भारत हॉस्पिटल एंड सर्जिकल सेंटर' में बीते कल यानी 6 अगस्त को 12 वर्षीय बालक की इलाज के दौरान हुई मौत ने जिले भर में आक्रोश फैला दिया है। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के चलते बच्चे की जान गई। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी सोनभद्र ने तत्काल संज्ञान लिया और एक उच्चस्तरीय तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन कर दिया है।
जांच कमेटी में उप जिलाधिकारी ओबरा को अध्यक्ष बनाया गया है, जबकि पुलिस उपाधीक्षक ओबरा और अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. प्रेमनाथ को सदस्य नामित किया गया है। जिलाधिकारी ने कमेटी को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे अस्पताल के पंजीकरण दस्तावेज, उपलब्ध चिकित्सा सेवाएं, डॉक्टरों की शैक्षणिक योग्यता, पैरा मेडिकल स्टाफ की दक्षता और संपूर्ण व्यवस्था की गहन जांच करें।
यह घटना उस समय सामने आई जब 12 वर्षीय एक बालक को इलाज के लिए भारत हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान बालक की स्थिति बिगड़ती गई और अंततः उसकी मृत्यु हो गई। परिजनों ने आरोप लगाया कि अस्पताल में न तो पर्याप्त संसाधन थे और न ही प्रशिक्षित चिकित्सक। इसके चलते समय रहते सही इलाज नहीं मिल पाया।
स्थानीय लोगों ने भी इस घटना पर नाराजगी जताई है और प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग की है। लोगों का कहना है कि जिले में ऐसे कई निजी अस्पताल हैं जो बिना मानक के संचालित हो रहे हैं और जनता की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं।
जिलाधिकारी ने जांच समिति को निर्देशित किया है कि अस्पताल के संचालन में नियमों का पालन हुआ या नहीं, इस पर भी विशेष रूप से ध्यान दिया जाए। साथ ही यह भी जांच की जाएगी कि बच्चे की मौत में चिकित्सा लापरवाही की कोई भूमिका थी या नहीं।
जांच समिति को तय समय सीमा के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है, जिसके आधार पर आगे की विधिक कार्रवाई की जाएगी। अगर लापरवाही या नियमों का उल्लंघन सामने आता है, तो संबंधित अस्पताल प्रशासन और जिम्मेदार लोगों पर कठोर कार्यवाही की जाएगी।
यह मामला अब जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर रहा है और जनता को उम्मीद है कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी और भविष्य में इस तरह की घटनाएं रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।