Raebareli: दिल्ली के पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता सोमनाथ भारती की मुश्किलें बढ़ गई हैं। रायबरेली की एमपी-एमएलए कोर्ट ने उन्हें फरार घोषित कर दिया है। चार साल पुराने एक आपराधिक मामले में बार-बार समन और वारंट जारी होने के बावजूद वे अदालत में पेश नहीं हुए। अब कोर्ट ने अगले आदेश तक उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का संकेत दिया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, यह मामला 11 जनवरी 2021 का है, जब सोमनाथ भारती पर रायबरेली शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया था। आरोप है कि उन्होंने सरकारी ड्यूटी पर तैनात कोतवाल अतुल सिंह के साथ अभद्रता की थी और अमर्यादित बयानबाज़ी करते हुए उन्हें धमकाया था। यह विवाद उस समय हुआ था जब भारती एक राजनीतिक कार्यक्रम में रायबरेली आए थे।
अमर्यादित बयानबाज़ी पर दर्ज हुआ था केस
घटना के बाद तत्कालीन कोतवाल अतुल सिंह की तहरीर पर भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। मुकदमे की सुनवाई रायबरेली के जिला एवं सत्र न्यायालय में चल रही है। न्यायालय में जज विवेक कुमार इस मामले की सुनवाई कर रहे हैं।
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गैर-जमानती वारंट के बावजूद अनुपस्थित
सूत्रों के अनुसार, अदालत ने कई बार सोमनाथ भारती को तलब किया, लेकिन उन्होंने पेशी नहीं दी। इसके बाद जज विवेक कुमार ने उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट (NBW) जारी किया। बावजूद इसके वे कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए। अदालत ने इसे न्याय प्रक्रिया का उल्लंघन मानते हुए उन्हें फरार घोषित कर दिया।
अगले कदम पर नजर
अब संभावना जताई जा रही है कि पुलिस जल्द ही उन्हें गिरफ्तार करने की कार्रवाई शुरू करेगी। अदालत ने रायबरेली पुलिस को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि आरोपी की गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाए और अगली सुनवाई पर रिपोर्ट पेश की जाए।
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राजनीतिक हलकों में हलचल
सोमनाथ भारती दिल्ली की राजनीति में आम आदमी पार्टी के सक्रिय नेता हैं। वे दिल्ली सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं और कई बार विवादों में घिरे रहे हैं। रायबरेली कोर्ट के इस आदेश के बाद प्रदेश की राजनीति में नई हलचल मच गई है। विपक्षी दलों ने आम आदमी पार्टी पर कानून से ऊपर होने का आरोप लगाया है, जबकि पार्टी की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि फरार घोषित होने के बाद अब भारती की गिरफ्तारी तय मानी जा रही है। अगर वे शीघ्र ही कोर्ट में आत्मसमर्पण नहीं करते, तो उनकी जमानत पर भी असर पड़ सकता है।

