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हापुड़ में थानाध्यक्ष विजय गुप्ता की अनूठी पहल, मिट्टी के घड़ों में ठंडा पानी और गुड़ रखकर लोगों का जीता दिल

मिट्टी के घड़े से पानी पीने से शरीर को अंदर से ठंडक मिलती थी, जो फ्रिज के पानी या बर्फ से नहीं मिलती। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: Mayank Tawer
Published:
हापुड़ में थानाध्यक्ष विजय गुप्ता की अनूठी पहल, मिट्टी के घड़ों में ठंडा पानी और गुड़ रखकर लोगों का जीता दिल

हापुड़: जनपद हापुड़ के थाना बाबूगढ़ के थानाध्यक्ष विजय गुप्ता ने एक अनूठी पहल से न केवल अपने इलाके के लोगों का दिल जीता, बल्कि पुरानी परंपराओं को भी ताजा कर दिया। विजय गुप्ता द्वारा थाना परिसर में मिट्टी के घड़ों में ठंडा पानी और गुड़ रखवाने की इस पहल को स्थानीय निवासियों ने बेहद सराहा है। यह कदम न केवल पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाता है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, थानाध्यक्ष विजय गुप्ता ने मिट्टी के घड़ों में ठंडा पानी और गुड़ रखवाकर लोगों को दादा-दादी के जमाने की याद दिलाई। पुराने समय में जब फ्रिज और बर्फ का चलन नहीं था, तब लोग मिट्टी के घड़ों से ठंडा पानी पीते थे, जो न केवल स्वाद में बेहतरीन होता था बल्कि शारीरिक रूप से भी फायदेमंद था। इस पहल ने जनपद के लोगों को पुराने दिनों की याद दिलाई है, जब जल शीतलता और ताजगी के साथ मिलता था।

शीतल जल और गुड़ का लाभ

स्थानीय लोगों ने बताया कि बचपन में जब प्यास लगती थी तो दादा-दादी के कहने पर वे मिट्टी के घड़े का ठंडा पानी पीते थे। आजकल बेशक फ्रिज का पानी और बर्फ आम हो गए हैं, लेकिन मिट्टी के घड़े का पानी अपनी शीतलता और स्वाद में बेजोड़ था। इस पानी को पीने से न केवल ताजगी मिलती थी, बल्कि यह सेहत के लिए भी लाभकारी होता था। मिट्टी का पानी प्राकृतिक रूप से ठंडा रहता है, जो शरीर को ठंडक प्रदान करता है, और यह एक सस्ता, सरल और पर्यावरण के अनुकूल तरीका है।

लोगों को मिलेगा फायदा

लोगों का कहना है कि मिट्टी के घड़े से पानी पीने से शरीर को अंदर से ठंडक मिलती थी, जो फ्रिज के पानी या बर्फ से नहीं मिलती। इसके अलावा मिट्टी के घड़े से पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होता, जबकि फ्रिज और प्लास्टिक की बोतलों के कारण प्रदूषण बढ़ता है।

थानाध्यक्ष का संदेश

थानाध्यक्ष विजय गुप्ता ने बताया कि थाना परिसर में मिट्टी के घड़े रखवाए गए हैं, जिनमें ठंडा पानी और गुड़ रखा गया है। उनका मानना है कि यह एक सेहतमंद और पर्यावरण-अनुकूल विकल्प है। विजय गुप्ता ने इस पहल के माध्यम से लोगों को प्राकृतिक स्रोतों की अहमियत और पुराने समय की अच्छी आदतों को फिर से अपनाने का संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि यह कदम न केवल लोगों को गर्मी से राहत पहुंचाता है, बल्कि पुराने समय की यादें ताजा करता है और पर्यावरण को भी बचाता है।

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