सोनभद्र जिले के चोपन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में आयोजित नसबंदी शिविर में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की गंभीर कमी सामने आई। लगभग 200 महिलाएं ऑपरेशन के लिए आईं, लेकिन उन्हें कड़ाके की ठंड में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई गईं।

ठंड में भटकती महिलाएं और बच्चे
Sonbhadra: सोनभद्र जिले के चोपन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में आयोजित नसबंदी शिविर में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की गंभीर कमी सामने आई। लगभग 200 महिलाएं ऑपरेशन के लिए आईं, लेकिन उन्हें कड़ाके की ठंड में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई गईं। शिविर का आयोजन स्वास्थ्य विभाग द्वारा लक्ष्य पूरा करने के उद्देश्य से किया गया था, जिसमें चोपन और कोन ब्लॉक की महिलाएं बड़ी संख्या में पहुंचीं।
30 बेड की क्षमता वाले इस सीएचसी में ऑपरेशन के बाद आराम करने के लिए पर्याप्त बेड नहीं थे। महिलाओं को जमीन पर बैठकर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ा। कई महिलाओं के साथ छोटे बच्चे भी थे, जो ठंड से परेशान दिखे। अस्पताल में शौचालय की स्थिति भी बेहद खराब रही। शौचालयों में दरवाजे तक नहीं थे, जिससे मरीजों और तीमारदारों को अन्य स्थानों पर भटकना पड़ा।
अस्पताल स्टाफ ने भीड़ बढ़ने को समस्या का कारण बताया। उनका कहना था कि पिछले 3-4 बार नसबंदी अभियान नहीं चल सका था क्योंकि आशा कार्यकर्ता पल्स पोलियो अभियान और अन्य अभियानों में ड्यूटी पर थे। इसलिए इस बार अचानक बड़ी संख्या में महिलाएं आईं, जिससे व्यवस्थाएं प्रभावित हुईं।
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कुरछा क्षेत्र से आए राजेश ने बताया कि सुबह 8 बजे से आने के बावजूद रजिस्ट्रेशन फॉर्म नहीं मिला। कोटा से आई फूलकुमारी ने भी बताया कि सुबह से जमीन पर बैठकर ऑपरेशन का इंतजार करना पड़ा। परिजन और मरीज अस्पताल प्रशासन से बेहतर व्यवस्था की मांग कर रहे हैं। उनका कहना था कि दूरदराज से ठंड में आई महिलाओं को कम से कम बुनियादी सुविधाएं तो मिलनी चाहिए।
अस्पताल में भारी भीड़ देखी गई, जबकि केवल 100 फॉर्म उपलब्ध थे। आशा कार्यकर्ताओं द्वारा ऑपरेशन की सूचना दिए जाने के बाद विभिन्न क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। इससे अव्यवस्था और बढ़ गई और सभी का ऑपरेशन एक ही दिन में कर पाना मुश्किल प्रतीत हुआ।
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यह पहली बार नहीं है जब चोपन सीएचसी में ऐसी अव्यवस्थाएं सामने आई हैं। पहले भी कई बार लापरवाही उजागर हो चुकी है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। अब देखना होगा कि इस बार प्रशासन दोषियों के खिलाफ क्या कदम उठाता है और महिलाओं के लिए सुविधाओं में सुधार कैसे होता है।