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रायबरेली में फिर गूंजी गोलियों की आवाज़, ऑप्टा कांड के मुख्य गवाह पर हमला; पढ़ें पूरी खबर

रायबरेली के ऊंचाहार इलाके में चर्चित ऑप्टा कांड के मुख्य गवाह पर बाइक सवार बदमाशों ने फायरिंग की। कृष्ण कुमार तिवारी बाल-बाल बच गए। घटना के बाद पुलिस ने जांच तेज कर दी है। वर्ष 2017 में हुए पांच ब्राह्मणों की हत्या वाले इस केस का फैसला जल्द आने वाला है।
Post Published By: Subhash Raturi
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रायबरेली में फिर गूंजी गोलियों की आवाज़, ऑप्टा कांड के मुख्य गवाह पर हमला; पढ़ें पूरी खबर

Raebareli: रायबरेली जनपद एक बार फिर गोलियों की तड़तड़ाहट से दहल उठा जब चर्चित ऑप्टा कांड के मुख्य गवाह पर फायरिंग की गई। यह सनसनीखेज घटना ऊंचाहार थाना क्षेत्र के मान्धातापुर गांव के पास हुई। जानकारी के अनुसार, मुख्य गवाह कृष्ण कुमार तिवारी अपने चार पहिया वाहन से अपने गांव छिपिया लौट रहे थे। रास्ते में इटौरा बुज़ुर्ग गांव के पास मोड़ पर पहले से घात लगाए बैठे बाइक सवार बदमाशों ने उनकी गाड़ी पर गोलियां चला दीं और मौके से फरार हो गए।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, सौभाग्य से कृष्ण कुमार तिवारी और उनके गनर इस हमले में बाल-बाल बच गए। गोली वाहन को छूती हुई निकल गई, जिससे कार में निशान बन गए। घटना की सूचना मिलते ही ऊंचाहार पुलिस मौके पर पहुंची और पूरे क्षेत्र को घेराबंदी कर जांच शुरू कर दी। पुलिस ने गाड़ी की फॉरेन्सिक जांच कर साक्ष्य एकत्र किए हैं।

दुकान से घर वापस जा रहे थे गवाह

कृष्ण कुमार तिवारी ने बताया कि वह अपनी दुकान से घर लौट रहे थे जब अचानक सफेद अपाचे बाइक पर सवार दो हमलावरों ने फायरिंग शुरू कर दी। उन्होंने तत्काल गाड़ी रोक दी और नीचे झुककर किसी तरह अपनी जान बचाई। कृष्ण कुमार तिवारी ने कहा, “हमारी गाड़ी पर फायरिंग की गई, हम किसी तरह बच निकले। पुलिस को सूचना दी गई और अब जांच चल रही है।”

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दो बदमाशों के खिलाफ मुकदमा दर्ज

ऊंचाहार कोतवाली प्रभारी ने बताया कि तिवारी की तहरीर पर दो अज्ञात बदमाशों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस की कई टीमें बदमाशों की तलाश में जुटी हैं और आस-पास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं।

यह मामला इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि यह उसी ऑप्टा कांड से जुड़ा हुआ है जिसने वर्ष 2017 में प्रदेश की राजनीति को हिला कर रख दिया था। 26 जून 2017 को ऊंचाहार क्षेत्र में पांच ब्राह्मणों की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड ने साम्प्रदायिक तनाव और राजनीतिक बयानबाजी को जन्म दिया था। अब जबकि इस जघन्य मामले का फैसला आने ही वाला है, उससे पहले मुख्य गवाह पर हमला होना कई सवाल खड़े कर रहा है।

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गवाह को डराने की कोशिश

स्थानीय लोगों का कहना है कि यह हमला शायद गवाह को डराने की कोशिश है ताकि वह अदालत में बयान न दे सके। वहीं पुलिस प्रशासन का कहना है कि वे किसी भी तरह के दबाव में नहीं आएंगे और दोषियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।

इस घटना के बाद रायबरेली में दहशत और चिंता का माहौल है। राजनीतिक गलियारों में भी यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि क्या यह हमला सिर्फ एक इत्तेफाक है या इसके पीछे कोई बड़ी साजिश छिपी है। पुलिस के अनुसार, घटना के हर पहलू की बारीकी से जांच की जा रही है और जल्द ही इसका पर्दाफाश किया जाएगा।

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