Pregnant Woman Dies: बेबी शावर की खुशियां, दो दिन बाद मातम में बदलीं; अंदर से झकझोर देने वाली घटना

12 जून को हुए एयर इंडिया फ्लाइट AI-171 के क्रैश ने 241 परिवारों की दुनिया उजाड़ दी, लेकिन उनमें से एक कहानी ऐसी है जो हर किसी को अंदर से झकझोर कर रख देती है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 22 June 2025, 6:42 PM IST
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अहमदाबाद: 12 जून को हुए एयर इंडिया फ्लाइट AI-171 के क्रैश ने 241 परिवारों की दुनिया उजाड़ दी, लेकिन उनमें से एक कहानी ऐसी है जो हर किसी को अंदर से झकझोर कर रख देती है। यह कहानी है 29 वर्षीय वैभव पटेल और उनकी 27 वर्षीय गर्भवती पत्नी जिनल गोस्वामी की। दोनों लंदन से अहमदाबाद सिर्फ अपने पहले बच्चे के बेबी शावर समारोह के लिए आए थे, लेकिन लौटते समय मौत उनके साथ उड़ान भर चुकी थी।

कहां हुआ हादसा?

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक,   विमान ने अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट से लंदन के गैटविक एयरपोर्ट के लिए उड़ान भरी थी, लेकिन टेक-ऑफ के कुछ ही देर बाद क्रैश हो गया।

कब हुआ हादसा?

यह दर्दनाक हादसा 12 जून को हुआ। ठीक दो दिन पहले, 10 जून को जिनल के लिए एक भव्य बेबी शावर समारोह आयोजित किया गया था, जिसमें पूरे परिवार ने भाग लिया।

कौन थे पीड़ित?

वैभव पटेल, मूल रूप से गुजरात के धोलका तालुका के केलिया वासना गांव के निवासी थे। उनकी पत्नी जिनल गोस्वामी, सात माह की गर्भवती थीं। वैभव दो साल पहले लंदन शिफ्ट हुए थे, और यह दौरा सिर्फ अपने पहले बच्चे की खुशियों को साझा करने के लिए किया गया था।

क्यों हुआ हादसा?

अभी तक हादसे के कारणों की जांच चल रही है, लेकिन प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, तकनीकी खराबी को संभावित वजह माना जा रहा है। इस हादसे में 229 यात्री, 10 क्रू सदस्य, और 2 पायलट की मौत हो गई।

कैसे हुआ खुलासा?

डीएनए टेस्ट के बाद वैभव और जिनल की पहचान की पुष्टि हुई। उनके चाचा बलवंत पटेल ने मीडिया को बताया कि यह सिर्फ एक दंपति की मौत नहीं, बल्कि एक अजन्मे जीवन की उम्मीद, एक पूरे परिवार का भविष्य और आने वाली पीढ़ी का अंत है।

क्या खोया गया?

प्लेन क्रैश में न सिर्फ दो जिंदगियां खत्म हुईं, बल्कि एक अजन्मे बच्चे की उम्मीद भी हमेशा के लिए खत्म हो गई। वह रविवार जो हंसी और आशीर्वाद से भरा था, अब एक ऐसी याद बन गया है जो ताउम्र परिवार को रुलाता रहेगा। यह हादसा एक बार फिर सोचने पर मजबूर करता है कि जिंदगी कितनी अनिश्चित है, और कैसे एक सपनों से भरी उड़ान, एक पल में जीवन का सबसे बड़ा दुख बन सकती है।

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