

प्रयागराज में आम आदमी पार्टी (आप) ने शनिवार को ‘पीओके वापस लो’ अभियान के तहत देशभर में व्यापक विरोध प्रदर्शन किया। पढ़िए डाइनामइट न्यूज़ की ये रिपोर्ट
प्रयागराज में पीओके वापस लो अभियान
प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आम आदमी पार्टी (आप) ने शनिवार को 'पीओके वापस लो' अभियान के तहत देशभर में व्यापक विरोध प्रदर्शन किया। इस अभियान का नेतृत्व पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने किया। पार्टी कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार की कश्मीर नीति के खिलाफ आवाज उठाई और इसे पूरी तरह विफल बताया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ भी नारे लगाए।
डाइनामइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, पार्टी का कहना है कि केंद्र सरकार ने पिछले कुछ सालों में पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) को लेकर कोई ठोस नीति नहीं बनाई है, जबकि यह मुद्दा देश की सुरक्षा और संप्रभुता से जुड़ा है। इस मौके पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने हर जिले में प्रदर्शन किया और सरकार से समयबद्ध योजना बनाने की मांग की, ताकि पीओके को वापस भारत में शामिल किया जा सके।
केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप
आम आदमी पार्टी के बलिया जिला अध्यक्ष सर्वेश यादव ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि भारत-पाक युद्ध के दौरान भारतीय सेना के पास पीओके को वापस लेने का सुनहरा अवसर था, लेकिन सरकार ने राजनीतिक दबाव में आकर युद्ध को बीच में रोक दिया। यादव ने आरोप लगाया कि अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इशारे पर यह निर्णय लिया गया था, जिससे भारत की रणनीतिक स्थिति कमजोर हो गई।
उन्होंने आगे कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत जैसी संप्रभुता संपन्न राष्ट्र के फैसले किसी विदेशी नेता के कहने पर लिए जा रहे हैं। यादव ने मोदी सरकार की विदेश नीति को पूरी तरह से विफल बताते हुए कहा कि देश की सुरक्षा के अहम फैसलों में अब विदेशी हस्तक्षेप बढ़ता जा रहा है, जो चिंताजनक है।
जमकर लगाए गए नारे
प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने 'पीओके वापस लो', 'देश की सुरक्षा के साथ समझौता नहीं', 'मोदी सरकार जवाब दो' जैसे नारों के साथ अपनी नाराजगी जाहिर की।
सरकार को दी चेतावनी
पार्टी ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर पीओके को लेकर कोई ठोस रणनीति और कार्य योजना जल्द घोषित नहीं की गई, तो देशभर में बड़ा जनांदोलन शुरू किया जाएगा। साथ ही AAP ने मांग की कि सरकार पीओके को भारत में मिलाने के लिए समयबद्ध रोडमैप जनता के सामने पेश करे।