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मिर्जापुर में कार्तिक पूर्णिमा से पहले बड़ा रेल हादसा हुआ। चुनार रेलवे स्टेशन पर कालका-हावड़ा एक्सप्रेस की चपेट में आने से आठ श्रद्धालुओं की मौत हो गई। सभी श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए जा रहे थे। गलत दिशा में उतरने के कारण ये लोग ट्रैक पर आ गए। हादसे के बाद रेलवे प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है।
ट्रेन की चपेट में आकर श्रद्धालुओं की मौत
Mirzapur: मिर्जापुर जिले में बुधवार सुबह एक दर्दनाक रेल हादसे ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया। चुनार रेलवे स्टेशन पर तेज रफ्तार कालका एक्सप्रेस ट्रेन की चपेट में आने से छह श्रद्धालुओं की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। यह हादसा सुबह करीब 9:30 बजे हुआ, जब श्रद्धालु कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान कर लौट रहे थे।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सोनभद्र की ओर से आने वाली गोमो-चोपन पैसेंजर ट्रेन (प्रयागराज-बरवाडीह पैसेंजर) चुनार स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 4 पर रुकी थी। श्रद्धालु उतरकर प्लेटफॉर्म नंबर 3 की ओर जाने के लिए ट्रैक पार करने लगे। इसी दौरान हावड़ा-कालका एक्सप्रेस, जो लगभग 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गुजर रही थी, वहां से निकली और कई श्रद्धालु उसकी चपेट में आ गए।
हादसे का दृश्य इतना भयावह था कि शवों के टुकड़े ट्रैक पर बिखर गए। मौके पर अफरा-तफरी मच गई। जीआरपी और आरपीएफ जवानों ने तत्काल राहत कार्य शुरू किया, शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया और घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया।
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रेलवे अधिकारियों के अनुसार, कालका एक्सप्रेस ट्रेन का चुनार में कोई ठहराव नहीं था। ट्रेन पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन से निकलकर मिर्जापुर की ओर बढ़ रही थी। हादसा इसी दौरान हुआ। बताया जा रहा है कि श्रद्धालु ट्रैक पार करते समय ट्रेन की रफ्तार का अंदाजा नहीं लगा पाए, जिसके चलते यह त्रासदी घट गई।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है और अधिकारियों को राहत एवं बचाव कार्य तेज करने के निर्देश दिए हैं। सीएम ने यह भी कहा कि घायलों को हर संभव चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराई जाए।
मौके पर जिलाधिकारी पवन कुमार गंगवार, पुलिस अधीक्षक मिर्जापुर, और अन्य अधिकारी पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। हादसे के बाद स्टेशन पर ट्रेनों का संचालन कुछ समय के लिए प्रभावित रहा।
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मारे गए श्रद्धालुओं की पहचान इस प्रकार हुई है- सविता (28 वर्ष), निवासी कमरिया थाना क्षेत्र (मिर्जापुर), साधना (16 वर्ष), पुत्री विजय शंकर बिंद, शिवकुमारी (12 वर्ष), पुत्री विजय शंकर बिंद, अप्पू देवी (20 वर्ष), पुत्री श्याम प्रसाद, सुशीला देवी (60 वर्ष), निवासी महुआरी थाना क्षेत्र और कलावती देवी (50 वर्ष), निवासी बसवा थाना क्षेत्र, सोनभद्र।
मंत्री रविन्द्र जयसवाल ने भी घटना स्थल का दौरा कर स्थिति की जानकारी ली और कहा कि मुख्यमंत्री ने हादसे को गंभीरता से लिया है। उन्होंने मृतकों के परिवारों को आर्थिक सहायता और घायलों को तत्काल मदद का भरोसा दिलाया।
यह दर्दनाक हादसा फिर एक बार रेलवे सुरक्षा और ट्रैक पार करने के नियमों पर गंभीर सवाल खड़ा करता है। श्रद्धालुओं की मौत ने पूरे मिर्जापुर और सोनभद्र क्षेत्र को शोक में डुबो दिया है।