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बुलंदशहर के नरोरा क्षेत्र में कार्तिक पूर्णिमा पर अलीगढ़ से स्नान करने आए दो सगे भाई सेल्फी लेते समय गंगा में डूब गए। एक को स्थानीय महिला ने बचा लिया, जबकि दूसरा युवक अभी भी लापता है। एनडीआरएफ और गोताखोरों की टीम चार घंटे से रेस्क्यू अभियान चला रही है, प्रशासन मौके पर मौजूद है।
नदी में लापता युवक की तलाश करती हुई NDRF की टीम
Bulandshahr: कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर गंगा स्नान करने आए दो सगे भाइयों की खुशियां उस वक्त मातम में बदल गई, जब सेल्फी लेने के दौरान दोनों गंगा में डूब गए। हादसा बुधवार सुबह थाना नरोरा क्षेत्र के एक नंबर बंदा के पास हुआ, जहां लोग आम तौर पर स्नान करने नहीं जाते। घटना के बाद मौके पर हड़कंप मच गया। हालांकि, स्थानीय महिला ने साहस दिखाते हुए एक भाई को बचा लिया, लेकिन दूसरा युवक अभी तक लापता है। चार घंटे से एनडीआरएफ और गोताखोरों की टीम उसकी तलाश में जुटी है।
दोनों भाई अलीगढ़ जिले के रहने वाले हैं। बुधवार को कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर वे गंगा स्नान करने नरोरा पहुंचे थे। बताया जा रहा है कि भीड़भाड़ वाले घाटों की बजाय दोनों एक सुनसान जगह एक नंबर बंदा पर पहुंचे, जहां स्नान करना पूरी तरह प्रतिबंधित नहीं तो भी असुरक्षित माना जाता है। वहां वे स्नान करने के बाद मोबाइल से सेल्फी लेने लगे। इसी दौरान पैर फिसलने से दोनों गहरे पानी में जा गिरे।
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प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बताया कि हादसे के बाद दोनों युवक तेज बहाव में बहने लगे। आस-पास मौजूद लोगों ने शोर मचाया तो एक स्थानीय महिला ने हिम्मत दिखाते हुए नदी में छलांग लगा दी और एक युवक को किसी तरह किनारे ले आई। लेकिन दूसरे युवक को तेज धार बहा ले गई।
सूचना मिलते ही थाना नरोरा पुलिस, उप जिलाधिकारी (एसडीएम) डिबाई और क्षेत्राधिकारी (सीओ) डिबाई मौके पर पहुंच गए। एनडीआरएफ और स्थानीय गोताखोरों की टीमों ने नदी में रेस्क्यू अभियान शुरू किया। पिछले चार घंटे से लगातार तलाशी अभियान जारी है, लेकिन अब तक युवक का कोई सुराग नहीं मिल पाया है। प्रशासन ने मौके पर लोगों की भीड़ को हटाकर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है।
थाना प्रभारी नरोरा ने बताया कि दोनों युवक सेल्फी लेते समय अनजाने में गहराई वाले हिस्से में चले गए थे। जिस स्थान पर वे स्नान कर रहे थे, वह घाटों से काफी दूर और जोखिम भरा इलाका है। वहां न तो सुरक्षा के इंतजाम हैं और न ही कोई तैराक मौजूद रहता है। उन्होंने बताया कि प्रशासन ने बार-बार ऐसे असुरक्षित स्थानों पर न जाने की चेतावनी दी थी, बावजूद इसके कई लोग घाटों से हटकर अकेले स्नान करने पहुंच जाते हैं।