Maharajganj News: ग्रामीण आवास का सर्वेक्षण सम्पन्न, अब सत्यापन की कार्यवाही होगी तेज

महराजगंज जनपद में भारत सरकार द्वारा संचालित आवास प्लस सर्वेक्षण 2024 की समयावधि पूरी हो गई है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: Nidhi Kushwaha
Updated : 19 May 2025, 6:25 PM IST
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महराजगंज: उत्तर प्रदेश के महराजगंज जनपद में भारत सरकार द्वारा संचालित आवास प्लस सर्वेक्षण 2024 की समयावधि 15 मई 2025 को पूरी हो गई है। निर्धारित समयसीमा के भीतर जनपद में कुल 93,853 परिवारों का सर्वेक्षण किया गया है, जिसमें 81,118 परिवारों ने स्वयं (सेल्फ सर्वे) के माध्यम से भाग लिया, जबकि 12,735 परिवारों का सर्वेक्षण तैनात सर्वेक्षणकर्ताओं द्वारा किया गया।

इसके साथ ही सर्वेक्षण की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद अब सत्यापन का चरण शुरू किया जा रहा है। प्रशासन द्वारा विस्तृत योजना के तहत विभिन्न स्तरों पर सत्यापन की व्यवस्था की गई है, जिससे डाटा की प्रामाणिकता सुनिश्चित की जा सके।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को प्राप्त जानकारी के अनुसार, सेल्फ सर्वे के 100% प्रकरणों का सत्यापन तैनात सर्वेक्षणकर्ताओं द्वारा किया जाएगा। इसके अलावा, 10% डाटा का सत्यापन विकास खण्ड स्तरीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा किया जाएगा। इस कार्य के लिए 100 चेकरों की तैनाती की जा चुकी है।

वहीं, 5% डाटा का सत्यापन खण्ड विकास अधिकारियों या उनके समकक्ष अधिकारियों द्वारा किया जाएगा। प्रत्येक विकास खण्ड में दो अधिकारियों की तैनाती इस कार्य हेतु सुनिश्चित की गई है।

साथ ही, 2% डाटा का सत्यापन जनपद स्तरीय अधिकारियों द्वारा किया जाएगा। प्रत्येक विकास खण्ड में जिलाधिकारी द्वारा दो अधिकारियों की नियुक्ति की गई है जो इस कार्य को अंजाम देंगे।

अधिकारियों को दिए गए निर्देश

प्रशासन का कहना है कि जैसे ही भारत सरकार से अंतिम निर्देश प्राप्त होंगे, सत्यापन कार्यवाही तत्काल प्रारंभ कर दी जाएगी। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि सत्यापन कार्य पूरी गंभीरता और पारदर्शिता के साथ किया जाए।

इस सर्वेक्षण का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में आवासहीन या कच्चे मकानों में निवास कर रहे पात्र परिवारों की पहचान करना है, ताकि उन्हें केंद्र सरकार की योजनाओं के तहत आवास सुविधा उपलब्ध कराई जा सके।

क्या है आवास प्लस सर्वे?

आवास प्लस सर्वे एक मानकीकृत प्रक्रिया है, जिसका उद्देश्य ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यमों से लाभार्थियों का सर्वेक्षण करना है। भारत सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) ग्रामीण को वित्त वर्ष 2028-2029 तक पांच वर्षों के लिए विस्तारित करने की मंजूरी दी है, जिससे 2 करोड़ अतिरिक्त घरों का निर्माण संभव होगा। इस सर्वे को नए बहिष्करण मानदंडों के साथ अपडेट किया गया है, ताकि पात्र ग्रामीण परिवारों की सटीक पहचान हो सके। सरकार की डिजिटल पहल के तहत आवास प्लस टैबलेट ऐप शुरू किया गया है, जो स्व-सर्वेक्षण के माध्यम से पात्र आवेदकों की कुशल पहचान और प्रबंधन में सहायता करता है।

आवास प्लस 2025 सर्वे सूची का मुख्य लक्ष्य उन परिवारों को चिह्नित करना है, जिन्हें पक्का घर बनाने की आवश्यकता है। यह सर्वे ग्रामीण परिवारों की विस्तृत जानकारी एकत्र करता है।

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