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नौतनवां में पेश हुई इंसानियत की मिसाल, ब्रेन ट्यूमर पीड़ित बच्चे को मिली आशा की किरण; पढ़ें पूरी खबर

नौतनवां क्षेत्र के सेमरहवा गांव में सात वर्षीय ब्रेन ट्यूमर पीड़ित बच्चे की मदद के लिए आर्थिक सहयोग मिला है। सीमित संसाधनों के बावजूद युवाओं ने बच्चे के इलाज में योगदान देकर इंसानियत की मिसाल पेश की। इस नेक कदम से पूरे क्षेत्र में समाज सेवा की नई प्रेरणा फैली।
Post Published By: ईशा त्यागी
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नौतनवां में पेश हुई इंसानियत की मिसाल, ब्रेन ट्यूमर पीड़ित बच्चे को मिली आशा की किरण; पढ़ें पूरी खबर

Maharajganj: महराजगंज जिले के नौतनवां क्षेत्र के सेमरहवा गांव में एक गरीब परिवार इस समय गहरे संकट से गुजर रहा है। सात वर्षीय मासूम अवधेश, पुत्र प्रभु नाथ, ब्रेन ट्यूमर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहा है। परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी कमजोर है कि इलाज के लिए पैसे जुटाना असंभव हो गया था। निराशा के इस माहौल में गांव के कुछ जागरूक युवा देवदूत बनकर सामने आए और बच्चे की मदद के लिए हाथ बढ़ाया।

युवाओं ने दिखाई सच्ची इंसानियत

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, गांव के युवाओं ने अपने सीमित साधनों के बावजूद न केवल आर्थिक मदद की, बल्कि परिवार को भावनात्मक सहारा भी दिया। उन्होंने इलाज के लिए धन एकत्र किया और सोशल मीडिया के माध्यम से अन्य लोगों से भी सहायता की अपील की। युवा युनुस खान, अभिषेक वरुण, चंद्रशेखर, धर्मेंद्र, छोटू, आदिल खान, उमर और जूबेर समेत कई स्थानीय लोगों ने मिलकर यह नेक पहल की।

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युवाओं ने कहा, “किसी की मदद के लिए बड़ा होना जरूरी नहीं, बस दिल बड़ा होना चाहिए।” उनका मानना है कि समाज का हर व्यक्ति अपनी क्षमता अनुसार आगे आए, तो कोई गरीब अकेला नहीं रहेगा।

गांव में फैली नई उम्मीद की किरण

इस मानवीय कदम से न केवल अवधेश के परिवार में उम्मीद जगी, बल्कि पूरे गांव में एक सकारात्मक संदेश फैला। ग्रामीणों ने युवाओं के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि यह समाज में एकता और सहयोग की भावना को मजबूत करता है।

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समाज से की भावुक अपील

युवाओं ने क्षेत्र के लोगों, जनप्रतिनिधियों और समाजसेवियों से अपील की है कि वे भी इस परिवार की सहायता में योगदान दें, ताकि अवधेश का इलाज जारी रह सके। उन्होंने कहा कि किसी की मदद करने के लिए अमीर होना जरूरी नहीं, बस दिल बड़ा होना चाहिए। नौतनवां के इन युवाओं ने साबित कर दिया कि जब समाज एकजुट होकर किसी जरूरतमंद की मदद करता है, तो असंभव भी संभव हो जाता है। मानवता की यह मिसाल आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणा बन गई है।

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