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Maharajganj News: कंपोजिट विद्यालय छीतही बुजुर्ग में बाल संसद का गठन, बच्चों को दिलाई गई पद एवं कर्तव्यनिष्ठा की शपथ

महराजगंज के फरेंदा स्थित कंपोजिट विद्यालय छीतही बुजुर्ग में बच्चों के नेतृत्व विकास और लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए बाल संसद का गठन किया गया। प्रधानाध्यापक अजय कुमार कुशवाहा ने बाल प्रधानमंत्री व अन्य सदस्यों को पद और कर्तव्यनिष्ठा की शपथ दिलाई।
Post Published By: Nidhi Kushwaha
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Maharajganj News: कंपोजिट विद्यालय छीतही बुजुर्ग में बाल संसद का गठन, बच्चों को दिलाई गई पद एवं कर्तव्यनिष्ठा की शपथ

Maharajganj: कंपोजिट विद्यालय छीतही बुजुर्ग में बच्चों के नेतृत्व विकास, निर्णय क्षमता और लोकतांत्रिक मूल्यों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से बाल संसद का गठन किया गया। यह आयोजन विद्यालय प्रशासन की उस सोच का परिणाम है, जिसमें बच्चों को न केवल शिक्षा में, बल्कि सामाजिक और नैतिक मूल्यों में भी आगे लाने की प्रतिबद्धता झलकती है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, इस कार्यक्रम के दौरान विद्यालय के प्रधानाध्यापक अजय कुमार कुशवाहा ने बाल प्रधानमंत्री और सभी निर्वाचित सदस्यों को पद और कर्तव्यनिष्ठा की शपथ दिलाई। साथ ही इस मौके पर बच्चों के चेहरों पर उत्साह और आत्मविश्वास देखने को मिला।

जिम्मेदार नागरिक बनने की दिशा में बड़ा कदम

वहीं कार्यक्रम के दौरान, प्रधानाध्यापक कुशवाहा ने कहा कि बाल संसद बच्चों के व्यक्तित्व निर्माण का एक प्रभावशाली माध्यम है। यह उन्हें जिम्मेदार नागरिक बनने की दिशा में प्रेरित करता है। उन्होंने यह भी बताया कि बाल संसद के तहत बच्चों को विभिन्न समितियों में कार्य करने का अवसर मिलेगा, जिससे उनकी टीम भावना, नेतृत्व कौशल और सामाजिक उत्तरदायित्व को बल मिलेगा।

बच्चों में दिखा उत्साह

 बाल संसद के उद्देश्य

विद्यालय प्रशासन का मानना है कि इस पहल से छात्र केवल पढ़ाई तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि वे सामाजिक और व्यवहारिक क्षेत्रों में भी आगे बढ़ सकेंगे। बाल संसद की जिम्मेदारी के तहत बाल प्रधानमंत्री, उप प्रधानमंत्री, पर्यावरण, स्वच्छता, खेल, पुस्तकालय, सांस्कृतिक आदि विभागों के प्रमुख चुने गए हैं, जो अपनी समितियों के साथ सप्ताहिक व मासिक गतिविधियों का संचालन करेंगे।

शिक्षकों ने दिया आश्वासन

इस दौरान, शिक्षकों ने भी बच्चों को मार्गदर्शन देने का आश्वासन दिया और बाल संसद की निरंतरता के लिए पूर्ण सहयोग का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रम छात्रों को स्वतंत्र सोच और समस्या-समाधान कौशल सिखाते हैं। इस पहल को न केवल बच्चों और शिक्षकों ने सराहा, बल्कि अभिभावकों ने भी विद्यालय के इस नवाचार को सराहनीय कदम बताया। उन्होंने विश्वास जताया कि इससे बच्चों में आत्मविश्वास, संवाद क्षमता और जिम्मेदारी का भाव बढ़ेगा।

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