लखनऊ के राष्ट्रीय प्रेरणा स्थल पर पीएम कार्यक्रम के बाद फेंके गए खाने से 100 से अधिक भेड़ों की मौत हुई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले का संज्ञान लिया, जांच के आदेश दिए और प्रति भेड़ 10,000 रुपए आर्थिक मदद की घोषणा की।

राष्ट्रीय प्रेरणा स्थल हादसा
Lucknow: यूपी के राजधानी लखनऊ में राष्ट्रीय प्रेरणा स्थल के पास एक बड़ा हादसा सामने आया है। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के दौरान बनाई गई पार्किंग क्षेत्र में कार्यक्रम के बाद बचा खाना फेंक दिया गया। इस खाने को खाने से आसपास के इलाके की भेड़ों की मौत हो गई, जिससे स्थानीय पशुपालकों में हड़कंप मच गया।
स्थानीय ग्रामीणों और पशुपालकों ने बताया कि पार्किंग क्षेत्र में फेंके गए खाने को भेड़ों ने खाया। इसके तुरंत बाद 100 से अधिक भेड़ों की मौत हो गई। इस हादसे से गरीब पशुपालकों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। उनका कहना है कि एक-एक भेड़ उनके लिए रोजी-रोटी का माध्यम है, और इतनी बड़ी संख्या में मौत से उनकी आजीविका संकट में आ गई है।
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इस घटना की जानकारी मिलने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले का संज्ञान लिया। उन्होंने मामले की जांच के आदेश दिए और प्रभावित पशुपालकों को राहत देने के लिए प्रति भेड़ 10,000 रुपए की आर्थिक मदद की घोषणा की। अधिकारियों ने कहा कि जांच के बाद जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
पीड़ित बयान
स्थानीय प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण किया और पशुपालकों को तत्काल राहत प्रदान की। अधिकारियों ने कहा कि इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए सार्वजनिक कार्यक्रमों के बाद खाने और अन्य सामग्री का उचित प्रबंधन जरूरी है। प्रशासन ने भविष्य में ऐसे हादसों से बचने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने का आश्वासन भी दिया।
घटना से प्रभावित पशुपालकों का कहना है कि उनका पूरा परिवार भेड़ों पर निर्भर करता है। उन्होंने प्रशासन से अपील की कि उन्हें शीघ्र आर्थिक मदद दी जाए ताकि उनकी रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित न हो। ग्रामीणों ने यह भी कहा कि भविष्य में कार्यक्रम आयोजकों को ऐसी परिस्थितियों से बचने के लिए जिम्मेदार बनाना चाहिए।
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मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को जांच पूरी करने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। इस मामले में जिम्मेदार अधिकारियों और कार्यक्रम आयोजकों की भूमिका की जांच की जाएगी ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
इस घटना ने यह स्पष्ट किया है कि बड़े सार्वजनिक कार्यक्रमों में सामग्री का उचित प्रबंधन और पशु सुरक्षा के उपाय जरूरी हैं। प्रशासन और समाज को मिलकर ऐसे हादसों को रोकने के लिए सतर्क रहना होगा।