ED के बुलाने पर फिर नहीं आया कफ सिरप तस्करी का मास्टरमाइंड, जानें अब क्या होगा?

कफ सिरप तस्करी मामले में मास्टरमाइंड शुभम जायसवाल पेश नहीं हुआ। ईडी ने आखिरी नोटिस जारी किया है। उसके खिलाफ एनबीडब्ल्यू और रेड कॉर्नर नोटिस जारी होंगे। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अन्य दो आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी है।

Post Published By: Tanya Chand
Updated : 16 December 2025, 9:10 AM IST

Lucknow: कोडिन आधारित कफ सिरप तस्करी मामले में ईडी (Enforcement Directorate) ने मास्टरमाइंड शुभम जायसवाल को नोटिस भेजा, लेकिन वह पेश नहीं हुआ। ईडी की यह आखिरी नोटिस था। अब एजेंसी उसके खिलाफ एनबीडब्ल्यू (Non-Bailable Warrant) और रेड कॉर्नर नोटिस जारी करेगी।

एसआईटी (Special Investigation Team) ने भी इस मामले में विवेचकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर मामले की जांच को और तेज किया है। विवेचकों को फाइनेंशियल ट्रेल स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे तस्करी और धनशोधन के तार जोड़े जा सकें। वाराणसी में दर्ज मामले में भी शुभम जायसवाल के खिलाफ पुलिस रेड कॉर्नर नोटिस जारी करेगी।

शुभम ने इसके विरोध में इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की है, जिसमें उसने अपने खिलाफ चल रही जांच और मुकदमों को समाप्त करने का अनुरोध किया है।

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मनोहर जायसवाल को ईडी ने तलब किया

कफ सिरप तस्करी सिंडिकेट मामले में ईडी ने मनोहर जायसवाल को तलब किया है। उन्हें कल नोटिस भेजकर हाजिर होने को कहा गया। एफएसडीए की एफआईआर के आधार पर, जो 8 नवंबर को सरोजिनी नगर थाने में दर्ज हुई थी, ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है।

मनोहर जायसवाल आर्पिक फार्मास्यूटिकल कंपनी के डायरेक्टर हैं। ईडी ने उनके अहमदाबाद, भोपाल और लखनऊ स्थित ठिकानों पर छापेमारी भी की है।

कफ सिरप तस्करी (Img- Internet)

गिरफ्तारी वारंट जारी

कफ सिरप तस्करी मामले में फरार आरोपियों शुभम जायसवाल और विकास सिंह नर्वे के खिलाफ लखनऊ जिला कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। फरवरी 2025 में सुशांत गोल्फ सिटी थाने में दर्ज मामले में STF ने जांच के दौरान पाया कि फर्जी कंपनियों के माध्यम से कोडिन सिरप की तस्करी की गई थी।

शुभम जायसवाल वाराणसी और विकास सिंह नर्वे आजमगढ़ के निवासी हैं। दोनों आरोपी तस्करी सिंडिकेट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते पाए गए।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दो आरोपियों की जमानत याचिका खारिज

कोडिन कफ सिरप मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सिंटू उर्फ अखिलेश प्रकाश और आकाश मौर्य की जमानत याचिकाएं खारिज कर दीं। दोनों आरोपियों ने अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को चुनौती दी थी और गिरफ्तारी पर रोक की मांग की थी।

न्यायमूर्ति अजय भनोट और न्यायमूर्ति गरिमा प्रसाद की पीठ ने कहा कि यह गंभीर अपराध है। अदालत ने आरोपियों को समाज के लिए खतरा बताते हुए कहा कि ये बड़े सीमापार नारकोटिक्स नेटवर्क के संदिग्ध सरगना हैं।

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नारकोटिक्स नेटवर्क और फर्जी कंपनियां

प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि आरोपी गाजियाबाद और वाराणसी में स्टॉक प्वाइंट से कोडिन आधारित कफ सिरप की भारी खेप झारखंड, पश्चिम बंगाल, बिहार, नेपाल और बांग्लादेश पहुंचा रहे थे। अवैध खेप को वैध फार्मा खेप के रूप में भेजने के लिए उन्होंने कई फर्जी कंपनियां बनाई।

गाजियाबाद, वाराणसी, जौनपुर और अन्य जिलों में कई प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। उल्लेखनीय है कि इसी तरह के मामलों में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कुछ आरोपियों को अंतरिम संरक्षण देते हुए अगली सुनवाई की तारीख 17 दिसंबर तय की है।

Location : 
  • Lucknow

Published : 
  • 16 December 2025, 9:10 AM IST