

इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत इसका नर्मदेश्वर शिवलिंग है, जो दिन में तीन बार रंग बदलता है। सुबह सफेद, दोपहर में नीला और शाम को गुलाबी रंग हो जाता है। यह अद्भुत दृश्य भक्तों के लिए दिव्य अनुभव है।
आगरा में राजेश्वर महादेव मंदिर
Agra News: सावन के पहले सोमवार को आगरा शिवभक्ति में पूरी तरह डूबा नजर आया। शमशाबाद रोड स्थित ऐतिहासिक राजेश्वर महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा।
रविवार रात से ही मंदिर परिसर शिवभक्तों से खचाखच भर गया था और सोमवार तड़के से कांवड़िए और स्थानीय भक्त जलाभिषेक के लिए लंबी कतारों में लग गए।
800 वर्षों पुराना शिवधाम, अनोखा नर्मदेश्वर शिवलिंग
राजेश्वर महादेव मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि इसकी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि भी अत्यंत रोचक है। मंदिर करीब 800 साल पुराना बताया जाता है। मंदिर ट्रस्ट के उपाध्यक्ष सत्यप्रकाश रावत का कहना है कि भरतपुर के राजाखेड़ा से एक सेठ नर्मदा नदी से शिवलिंग लेकर आ रहे थे। रास्ते में थकान के चलते वह इस स्थान पर रुके, लेकिन जब वापस जाने लगे तो शिवलिंग अपनी जगह से हिला नहीं। इसे भगवान शिव की इच्छा मानते हुए वहीं स्थापित कर दिया गया, जहां बाद में मंदिर का निर्माण हुआ।
दिन में तीन बार रंग बदलता है शिवलिंग
इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत इसका नर्मदेश्वर शिवलिंग है, जो दिन में तीन बार रंग बदलता है। सुबह सफेद, दोपहर में नीला और शाम को गुलाबी रंग हो जाता है। मंदिर सेवा में लगे रवि राज सैंथियां बताते हैं कि यह अद्भुत दृश्य भक्तों के लिए दिव्य अनुभव है। वैज्ञानिक इसे सूर्य की किरणों और प्राकृतिक खनिजीय प्रभाव का परिणाम मानते हैं, लेकिन भक्त इसे भगवान शिव का चमत्कार मानते हैं।
ऐसा करने से हो जाती है मनोकामना पूरी
श्रद्धालु मानते हैं कि यहां सच्चे मन से मांगी गई हर मुराद पूरी होती है। मंदिर के मंहत और ट्रस्टियों का कहना है कि अगर कोई भक्त जल या बेलपत्र नहीं ला सका, तब भी केवल दर्शन मात्र से बाबा उसकी मनोकामना पूरी करते हैं। जो लोग अंदर नहीं आ पाते, वे मंदिर के शिखर के सामने बाहर से ही शीश नवाकर पुण्य लाभ ले सकते हैं। हर साल सावन के पहले सोमवार को यहां विशाल भक्ति मेला लगता है। मंदिर को लाइटिंग, फूलों और झंडों से सजाया गया है। ट्रस्टी पप्पू ठाकुर ने बताया कि मेला रविवार रात से ही शुरू हो गया था और सोमवार को श्रद्धालुओं की संख्या लाखों में पहुंच गई।