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Lakhimpur Kheri : हर गांव तालाब मिशन की शुरुआत, 1000 गांवों में जल संरक्षण का लक्ष्य

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में अधिकारी विकास कार्यों को जनसेवा के बजाय निजी लाभ का जरिया बना रहे हैं। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रपोर्ट
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Lakhimpur Kheri : हर गांव तालाब मिशन की शुरुआत, 1000 गांवों में जल संरक्षण का लक्ष्य

लखीमपुर खीरी: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में जल संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने और सूखे को रोकने के लिए डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने एक नई शुरुआत की है। उन्होने स्वंय फावडा लेकर तहसील सदर के ग्राम अमानलाला में तलाब निर्माण का शुभारंभ किया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, यह कदम न सिर्फ एक प्रतीकात्मक पहल है, बल्कि जिले में जल संरक्षण के प्रति जागरूरता बढ़ाने का भी प्रयास है। इस अभियान का उद्देश्य सूखे की समस्या से निपटना और पानी की उपलब्धता को सुनिश्चित करना है । जिससे गर्मीणों का जीवन आसान हो सके।

हर गांव तालाब मिशन के तहत लक्ष्य और योजना

इस पहल के तहत जिले के मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक कुमार ने हर गांव तालाब नामक योजना शुरु किया है। इस मामाले में जिले के 1000 गांवों में नए तालाब बनाए जाएंगे। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य जल संरक्षण और सूखे के प्रभाव को कम करना है। योजना के तहत, 15 जून तक इन तालाबों का निर्माण पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। यह कदम ग्रामीण क्षेत्र में जल स्तर को सुधारने और प्राकृतिक जल स्रोतो को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है।

ग्रामीमों और श्रामिकों का उत्साहवर्धन

इस कार्यक्रम के दौरान जल संरक्षण के इस कार्य में लगे श्रमिकों और बच्चों का उत्साह बढ़ाने के लिए डीएम और सीडीओ ने उन्हे मिठाई और बिस्कूट बांटे गए। बच्चों और ग्रमीणों का उत्साह देखकर अधिकारियों का मनोबल भी बढ़ा है। इससे यह संकेत मिलता है कि सरकारी प्रयास जनता के साथ जुड़ने और उन्हे प्रोत्साहित करने का भी प्रयास किया है।

विकास के नाम भ्रष्टाचार किया जा रहा अधिकतारियों द्वारा

प्रशासन की इस साकारात्मक पहल के बीच कुछ अधारी  अपेन निज स्वार्थ के चक्कर में विकास कार्यों को कमाई का जरिया बना रहे है। इस मामले में कुछ अधीनस्थ अधिकारी इस मिशन का सही ढ़ग से पालन नही कर रहे है। बल्कि अपनी व्यक्तिगतच तरक्की और लाभ के लिए कार्य कर रहे है। इससे योजना की सफलता पर पर प्रश्नचिह्नलग रहा है। इस तरह की गतिविधियों से सरकारी प्रयासों की साख को खतरा हो सकता है और जनता का विश्वाश भी डगमगा सकता है।

 

 

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