अखिल भारतीय किसान महासभा के बैनर तले निकाला गया मजदूर मार्च, जानें पूरी खबर

किसान आज जहां एक तरफ आत्महत्या करता है वहीं दूसरी तरफ बिजली पानी के लिए दर-दर भटकता है। अखिल भारतीय किसान महासभा के बैनर तले किसान मजदूर मार्च उरई की सड़कों पर किया गया। पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज पर

Updated : 24 June 2025, 3:01 PM IST
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जालौन: अखिल भारतीय किसान महासभा के बैनर तले किसान मजदूर मार्च उरई की सड़कों पर किया गया जिसका नेतृत्व अखिल भारतीय किसान महासभा उत्तर प्रदेश किसान महासभा उपाध्यक्ष कामरेड राजीव कुशवाहा, अखिल भारतीय किसान महासभा जिला अध्यक्ष कामरेड शिवबीर सिंह दद्दू बनाफर, कामरेड अश्वनी तिवारी मजदूर नेता ऑल इंडिया सेंट्रल कौंसिल ऑफ़ ट्रेड यूनियंस राष्ट्रीय पार्षद कामरेड राम सिंह चौधरी, अखिल भारतीय खेत मजदूर सभा जिला संयोजक कामरेड हरिशंकर ने प्रदर्शन  किया।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के मुताबिक, सभा को संबोधित करते हुए किसान महासभा उपाध्यक्ष कामरेड राजीव कुशवाहा ने कहा की किसान आज तबाही और बर्बादी इसलिए झेल रहा है क्योंकि केंद्र की मोदी सरकार ने किसानों के साथ धोखा देकर विश्वास घात करने का काम किया है किसने की एमएसपी की गारंटी का सवाल केंद्र सरकार ने अधर में लटका दिया है। आगे ऑल इंडिया सेंट्रल कौंसिल ऑफ़ ट्रेड यूनियंस राष्ट्रीय पार्षद कामरेड राम सिंह चौधरी ने कहा कि जहां विदर्भ और कालाहांडी के बाद बुंदेलखंड में हजारों किसानों ने आत्महत्या की है।

आगे कहा कि बुंदेलखंड का किसान आज जहां एक तरफ आत्महत्या करता है वहीं दूसरी तरफ बिजली पानी के लिए दर-दर भटकता है इसी दौर में बिजली के निजीकरणने रही सही कसर को पूरा कर दिया आज बिना बिजली के कोई भी कार्य नहीं किया जा सकता किसानों के ऊपर अरबो रुपए का कर्ज़ के चलते बुंदेलखंड और जनपद जालौन में किसान बड़ी तादाद में आत्महत्या करता है लेकिन प्रदेश सरकार की हुकूमत किसानों से कर्ज वसूली के नाम पर उनका उत्पीड़न कर उनके आंदोलन पर दमन और अत्याचार करता है इसलिए आज जरूरत है की किसानों को मजदूरों से बड़ी एकता बनाते हुए बटाईदारकिसाने के लिए भूमि सुधार और बिजली के निजीकरण के लिए बड़े आंदोलन में जाना चाहिए। जिससे किसने की एमएसपी उनके बाजी फसल के मूल्य की गारंटी की जा सके।

बुंदेलखंड में नफरत की राजनीति शुरू..

लेकिन यह तभी संभव है जब इस देश में और बुंदेलखंड में भूमि सुधार लागू  बड़े पैमानों पर भूमि कर बेईमानी जमीनों पर कब्जा किए हुए मंदिर और मठों के नाम पर लगी हुई हजारों एकड़ जमीने है। इस बात की गवाह है जब-जब यह सवाल उठाते हैं, तब-तब इस देश और प्रदेश और बुंदेलखंड में नफरत की राजनीति शुरू हो जाती है। कॉर्पोरेट परस्त सांप्रदायिक फासीवाद आज पूरे देश में लागू है ऐसे में किसान मजदूर के लिए इस देश में जहां कोई भी नीतियां नहीं है उनके पक्ष में श्रमिक बोर्ड से लेकर श्रम कानून से लेकर किस कानून को शक्ति के साथ लागू करवाना होगा। प्रदर्शन को कामरेड शिवबीर सिंह, कामरेड राजीव कुशवाहा, कामरेड राम सिंह चौधरी, का. शिवबीर सिंह, का. अश्वनी तिवारी,का. हरिशंकर, इत्यादि नेताओं ने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया।

 

Location : 
  • Jalaun

Published : 
  • 24 June 2025, 3:01 PM IST