

बताया गया कि ये सभी आधार कार्ड डाक विभाग को बांटने के लिए भेजे गए थे, लेकिन इन्हें समय पर बांटा नहीं गया। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की यह रिपोर्ट
ग्रेटर नोएडा की नालियों में बहते मिले सैकड़ों आधार कार्ड
ग्रेटर नोएडा: देश की सबसे जरूरी पहचान दस्तावेजों में से एक आधार कार्ड को लेकर ग्रेटर नोएडा से हैरान कर देने वाली लापरवाही सामने आई है। जिले के दनकौर कस्बे स्थित पोस्ट ऑफिस के बाहर नाली में सैकड़ों आधार कार्ड बहते हुए मिले। इस चौंकाने वाली घटना ने क्षेत्र में प्रशासन और डाक विभाग की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, घटना गुरुवार की है। जब दनकौर कस्बे में कुछ लोगों ने पोस्ट ऑफिस के बाहर नाली में बहते हुए आधार कार्डों को देखा। देखते ही देखते यह खबर आग की तरह फैल गई और स्थानीय लोगों की भीड़ जमा हो गई। बताया गया कि ये सभी आधार कार्ड डाक विभाग को बांटने के लिए भेजे गए थे, लेकिन इन्हें समय पर बांटा नहीं गया और ना ही सुरक्षित तरीके से रखा गया। जिसकी वजह से यह सड़क और नाली में फेंके हुए पाए गए।
स्थानीय नागरिकों ने किया वीडियो वायरल
लोगों ने इन आधार कार्डों को इकट्ठा किया और उनका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर साझा कर दिया। वीडियो के सामने आने के बाद विभागीय लापरवाही को लेकर लोगों में गुस्सा और आक्रोश देखने को मिला। स्थानीय निवासी राजकुमार (तुलसी नगर) ने बताया कि बुधवार शाम आई आंधी में कई आधार कार्ड गलियों में उड़ते दिखे और गुरुवार सुबह वे नालियों में पड़े मिले।
प्रशासनिक चुप्पी, जवाबदेही से बचते अधिकारी
घटना को लेकर जब पत्रकारों ने डाक विभाग और स्थानीय प्रशासन से प्रतिक्रिया मांगी तो अधिकारी कोई भी स्पष्ट जवाब देने से बचते नजर आए। इस तरह की चुप्पी ने लोगों की चिंता और नाराजगी को और बढ़ा दिया है।
“मशक्कत से बनवाते हैं कार्ड, फिर भी नहीं मिलता”
स्थानीय लोगों का कहना है कि आधार कार्ड बनवाने में समय, धन और मेहनत लगती है। लोग दूर-दराज दिल्ली या अन्य शहरों में जाकर अपने दस्तावेज अपडेट करवाते हैं। इसके बाद जब यह कार्ड संबंधित पोस्ट ऑफिस को भेजे जाते हैं तो विभाग की लापरवाही के चलते यह या तो गायब हो जाते हैं या इस तरह सड़क पर पड़े मिलते हैं। एक स्थानीय बुजुर्ग ने बताया, “हम जैसे लोग घंटों लाइन में लगकर कई दस्तावेज़ लेकर आधार कार्ड बनवाते हैं। जब यह कार्ड हमारे पास नहीं पहुंचता और सड़क पर फेंका हुआ मिलता है तो यह सिर्फ दस्तावेज़ का अपमान नहीं नागरिक के अधिकारों का भी अपमान है।”