Gorakhpur: सड़क हादसे में दो शिक्षकों की मौत से फूटा जनाक्रोश, शवों के साथ सड़क पर उतरे लोग

न्याय और मुआवज़े की मांग को लेकर मंगलवार को गोरखपुर जनपद के गीडा और हरपुर-बुदहट थाना क्षेत्र में हालात उस वक्त बेकाबू हो गए, जब सड़क हादसे में मारे गए दो शिक्षकों के परिजन और सैकड़ों ग्रामीण शवों के साथ सड़क पर उतर आए।

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 16 December 2025, 2:04 PM IST

Gorakhpur: न्याय और मुआवज़े की मांग को लेकर मंगलवार को गोरखपुर जनपद के गीडा और हरपुर-बुदहट थाना क्षेत्र में हालात उस वक्त बेकाबू हो गए, जब सड़क हादसे में मारे गए दो शिक्षकों के परिजन और सैकड़ों ग्रामीण शवों के साथ सड़क पर उतर आए। चक्काजाम और उग्र प्रदर्शन के चलते पूरा इलाका घंटों तक तनाव की गिरफ्त में रहा।

 गांव में मातम पसरा

सोमवार को गीडा थाना क्षेत्र में हुए भीषण सड़क हादसे में ट्रैक्टर-ट्रॉली की चपेट में आने से प्राचार्य रामपाल चौधरी और शिक्षक सुबोध गौतम की दर्दनाक मौत हो गई थी। दोनों शिक्षा जगत से जुड़े सम्मानित चेहरे थे। हादसे के बाद जहां गांव में मातम पसरा था, वहीं प्रशासनिक उदासीनता और मुआवज़े को लेकर असंतोष ने मंगलवार को जनआक्रोश का रूप ले लिया।

ग्रामीणों का सैलाब उमड़ा

सुबह करीब छह बजे हरपुर-बुदहट थाना क्षेत्र के कटसहड़ा–सोनबरसा मार्ग स्थित पचौरी चौराहे पर ग्रामीणों का सैलाब उमड़ पड़ा। देखते ही देखते दोनों दिवंगत शिक्षकों के शव सड़क पर रख दिए गए और मार्ग पूरी तरह जाम कर दिया गया। यातायात ठप हो गया, दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं और स्थिति विस्फोटक होती नजर आने लगी।

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प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांगें

प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांगें थीं। हादसे के लिए जिम्मेदार फरार ट्रैक्टर चालक की तत्काल गिरफ्तारी, पीड़ित परिवारों को सम्मानजनक और पर्याप्त मुआवज़ा तथा प्रशासन की ओर से लिखित आश्वासन। परिजनों ने साफ शब्दों में कहा कि जब तक मांगें पूरी नहीं होंगी, तब तक शवों का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा।

ग्रामीणों का आक्रोश नारों के रूप में सड़क पर गूंज उठा-“यहां गरीब की नहीं, सिर्फ दौलत वालों की सुनवाई होती है।”घंटों तक चला यह प्रदर्शन प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बन गया।

परिवारों का सहारा कौन बनेगा?

एक ओर सड़क पर गुस्से और न्याय की मांग थी, तो दूसरी ओर दो घरों में उजड़ा सुहाग था। दोनों मृतकों की पत्नियां अपने जीवनसाथी के शव के पास बदहवास बैठी रहीं। मासूम बच्चों की आंखों से बहते आंसू हर देखने वाले की आंखें नम कर रहे थे। हर तरफ एक ही सवाल था। अब इन परिवारों का सहारा कौन बनेगा?

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स्थिति की नाजुकता को देखते हुए मौके पर एसडीएम खजनी राजेश प्रताप सिंह, सीओ खजनी, कई थानों के इंस्पेक्टर, एसओ और भारी पुलिस बल तैनात किया गया। प्रशासन ने लगातार परिजनों से बातचीत की, लेकिन वे लिखित आश्वासन से पहले किसी भी कीमत पर हटने को तैयार नहीं थे।

प्रशासन के समक्ष लिखित मांगें

मृतक परिवारों की ओर से प्रशासन के समक्ष लिखित मांगें रखी गईं, जिनमें दोनों परिवारों के एक-एक सदस्य को संविदा पर नौकरी, सरकारी आर्थिक सहायता, ट्रैक्टर/भट्ठा मालिक पर कड़ी कार्रवाई व गिरफ्तारी, ₹50 लाख की तत्काल मुआवज़ा राशि, दोनों विधवाओं को सरकारी नौकरी तथा मासूम बच्चों की शिक्षा और देखभाल की जिम्मेदारी सरकार द्वारा लेने की मांग शामिल थी।

कार्रवाई का आश्वासन दिया

काफी मशक्कत और तनावपूर्ण माहौल के बाद एसडीएम खजनी ने मांगों पर गंभीरता से विचार और कार्रवाई का आश्वासन दिया। प्रशासनिक भरोसे के बाद ग्रामीणों ने आपसी सहमति से धरना-प्रदर्शन समाप्त किया।

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सड़क सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल

इसके बाद भारी पुलिस सुरक्षा के बीच दोनों शिक्षकों के शवों को अंतिम संस्कार के लिए सरयू नदी तट स्थित बिरहलघाट ले जाया गया। हालांकि सड़क से जाम हट गया और हालात सामान्य हो गए, लेकिन यह हादसा प्रशासनिक संवेदनशीलता और सड़क सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल छोड़ गया है। फिलहाल क्षेत्र में शांति बनी हुई है, लेकिन पीड़ित परिवारों की नजरें अब प्रशासन की अगली ठोस कार्रवाई पर टिकी हैं।

Location : 
  • Gorakhpur

Published : 
  • 16 December 2025, 2:04 PM IST