

कानून-व्यवस्था को और सुदृढ़ करने तथा पुलिस कार्यप्रणाली में चुस्ती-फुर्ती लाने के उद्देश्य से प्रशासन ने एक अहम निर्णय लिया है। जनहित में तत्काल प्रभाव से पिपराइच थानाध्यक्ष के पद पर तैनात उप निरीक्षक पुरुषोत्तम आनंद सिंह को उनके वर्तमान पद से हटा कर पुलिस लाइन गोरखपुर स्थानांतरित कर दिया गया है।
Gorakhpur: गोरखपुर जिले में कानून-व्यवस्था को और सुदृढ़ करने तथा पुलिस कार्यप्रणाली में चुस्ती-फुर्ती लाने के उद्देश्य से प्रशासन ने एक अहम निर्णय लिया है। जनहित में तत्काल प्रभाव से पिपराइच थानाध्यक्ष के पद पर तैनात उप निरीक्षक पुरुषोत्तम आनंद सिंह को उनके वर्तमान पद से हटा कर पुलिस लाइन गोरखपुर स्थानांतरित कर दिया गया है। इसके संबंध में आदेश सोमवार को जारी कर दिए गए, जिसके बाद पूरे पुलिस महकमे में यह चर्चा का विषय बना हुआ है।
आदेश के अनुसार, उप निरीक्षक पुरुषोत्तम आनंद सिंह (पीएनओ 172321356) अब पिपराइच थाने के प्रभारी नहीं रहेंगे। उन्हें तत्काल प्रभाव से पुलिस लाइन गोरखपुर में कार्यभार ग्रहण करने का निर्देश दिया गया है। उच्चाधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि इस आदेश का अनुपालन किसी भी दशा में तत्काल किया जाए।
गौरतलब है कि पिपराइच थाना गोरखपुर जिले का एक संवेदनशील थाना माना जाता है। हाल के दिनों में यहां आपराधिक घटनाओं और सामाजिक विवादों को देखते हुए पुलिस प्रशासन लगातार सक्रियता दिखा रहा था। ऐसे में थानाध्यक्ष स्तर पर किया गया यह बदलाव कई मायनों में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि यह निर्णय जनहित को ध्यान में रखकर लिया गया है, ताकि कानून-व्यवस्था को और सशक्त बनाया जा सके।
इस स्थानांतरण के बाद नए थानाध्यक्ष की तैनाती को लेकर लोगों में उत्सुकता बनी हुई है। आम जनता का मानना है कि थाना स्तर पर नेतृत्व परिवर्तन का सीधा असर क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था और अपराध नियंत्रण पर पड़ता है। पिपराइच क्षेत्र के स्थानीय लोग भी इस बदलाव को लेकर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का कहना है कि विभागीय फेरबदल एक सामान्य प्रक्रिया है, जो समय-समय पर होती रहती है। इसका उद्देश्य पुलिसिंग में और बेहतर समन्वय स्थापित करना तथा जिम्मेदारियों का संतुलित बंटवारा करना होता है।
इस आदेश के लागू होने के साथ ही उप निरीक्षक पुरुषोत्तम आनंद सिंह ने पुलिस लाइन में योगदान की तैयारी शुरू कर दी है। वहीं, पिपराइच थाना अब नए नेतृत्व की प्रतीक्षा कर रहा है। प्रशासनिक हलकों से लेकर आम जनता तक, सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि जिले का यह संवेदनशील थाना अब किस अधिकारी को सौंपा जाएगा।