सामुदायिक स्वास्थ्य को सशक्त बनाने के लिए एम्स और स्वास्थ्य विभाग अब मिलकर काम करेंगे। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

एम्स गोरखपुर प्रतिनिधिमंडल सीएमओ से की मुलाकात
गोरखपुर: गोरखपुर में स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक प्रभावशाली बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। अब अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) गोरखपुर और जिला स्वास्थ्य विभाग मिलकर सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों पर कार्य करेंगे। इस दिशा में मंगलवार को एम्स गोरखपुर के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. राजेश झा से मुलाकात की और विभिन्न संयुक्त परियोजनाओं पर विस्तृत चर्चा की।
डाइनामाइट न्यूज़ के संवाददाता के अनुसार, इस बैठक में हेल्थ डेमोग्राफिक सर्विलांस सिस्टम (HDSS) की स्थापना को लेकर रणनीति तैयार की गई। एम्स गोरखपुर के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मधुसूदन और येल यूनिवर्सिटी के प्रतिनिधि मिस्टर ब्रान ने सीएमओ से औपचारिक भेंट कर प्रस्तावित शोध कार्यों पर सहयोग मांगा। यह अध्ययन सरदारनगर ब्लॉक के डुमरी खास अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत आने वाले 11 राजस्व गांवों में संचालित किया जाएगा।
इस परियोजना के तहत संक्रामक रोगों की रोकथाम, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, जन्म-मृत्यु के आंकड़ों का विश्लेषण, जलवायु परिवर्तन के स्वास्थ्य पर प्रभाव जैसे महत्वपूर्ण विषयों का अध्ययन किया जाएगा। जानकारी के अनुसार, येल यूनिवर्सिटी की तकनीकी सहभागिता के साथ एम्स गोरखपुर इन सभी पहलुओं पर वैज्ञानिक दृष्टिकोण से काम करेगा।
वहीं सीएमओ डॉ. राजेश झा ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग एम्स के साथ मिलकर इन शोध कार्यों और कार्यक्रमों में पूरा सहयोग देगा। उन्होंने कहा, इस तरह की सहभागिता से स्वास्थ्य सेवाओं को जमीनी स्तर पर बेहतर बनाया जा सकता है। एम्स की विशेषज्ञता और शोध आधारित कार्यशैली का लाभ पूरे जिले को मिलेगा।
इससे पहले सोमवार को सीएमओ ने खुद एम्स गोरखपुर का दौरा कर वहां चल रहे मॉडल टीकाकरण केंद्र और अन्य गतिविधियों का अवलोकन किया था। उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान में एम्स के डॉक्टर शहर के झरना टोला नगरीय स्वास्थ्य केंद्र में ओपीडी सेवाएं दे रहे हैं, जिससे आमजन को बेहतर इलाज मिल रहा है।
इसके अलावा, एम्स द्वारा गोद लिए गए गांवों में भी सामुदायिक स्वास्थ्य को लेकर सक्रिय कार्य किए जा रहे हैं। इस तरह की पहल भविष्य में ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सूचकांकों को सुधारने में मील का पत्थर साबित हो सकती है। स्वास्थ्य विभाग का प्रयास है कि एम्स गोरखपुर के साथ यह समन्वय और भी व्यापक स्तर पर हो, ताकि गोरखपुर के नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।