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Gorakhpur: गोला ब्लॉक के 43 परिषदीय विद्यालय जर्जर भवनों में संचालित, हादसों को दे रहे न्यौता

यूपी के जनपद गोरखपुर के दक्षिणांचल में स्थित ब्लॉक गोला के परिषदीय विद्यालयों की हालत इन दिनों बदतर हो चली है। इन खतरनाक भवनों में बच्चों की पढ़ाई जारी रहने मतलब जान जोखिम में डालना है।
Post Published By: Jay Chauhan
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Gorakhpur: गोला ब्लॉक के 43 परिषदीय विद्यालय जर्जर भवनों में संचालित, हादसों को दे रहे न्यौता

Gorakhpur: जनपद गोरखपुर के दक्षिणांचल में स्थित ब्लॉक गोला के परिषदीय विद्यालयों की हालत इन दिनों बदतर हो चली है। ब्लॉक संसाधन केंद्र गोला से संचालित कुल 138 परिषदीय विद्यालयों में से 43 विद्यालयों के भवन पूरी तरह जर्जर स्थिति में पहुंच चुके हैं। इन खतरनाक भवनों में बच्चों की पढ़ाई जारी रहने मतलब जान जोखिम में डालना है।

जिसे देखकर शिक्षक और अभिभावक दोनों में भारी चिंता का माहौल बना हुआ है।

डाइनामाइट न्यूज संवादाता अनुसार  गोला ब्लॉक में कुल 72 ग्राम सभाएं और एक नगर पंचायत शामिल है। यहां स्थित 138 विद्यालयों में से 17 विद्यालय नगर पंचायत क्षेत्र में और बाकी ग्राम सभाओं में संचालित हो रहे हैं। चिंताजनक यह है कि इन विद्यालयों में से 43 भवनों की हालत इतनी खराब हो गई है कि कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। बरसात के इस मौसम में स्थिति और भी गंभीर हो चुकी है।

हालात ये हैं कि कई अभिभावक अब अपने बच्चों को इन विद्यालयों में भेजने से कतराने लगे हैं। यही कारण है कि परिषदीय विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति निरंतर घट रही है।

हालांकि विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक लगातार घर-घर जाकर अभिभावकों से संपर्क कर रहे हैं और बच्चों को स्कूल भेजने की अपील कर रहे हैं, लेकिन जर्जर भवनों की स्थिति अभिभावकों के डर को दूर नहीं कर पा रही है।

इस पूरे प्रकरण पर खंड शिक्षा अधिकारी गोला उदयशंकर राय ने बताया कि अधिकांश विद्यालयों में जहां मुख्य भवन जर्जर हैं, वहां अतिरिक्त कक्षा कक्ष में पढ़ाई कराई जा रही है और जहां अतिरिक्त कक्ष जर्जर हैं, वहां बच्चे मुख्य भवन में पढ़ रहे हैं।

उन्होंने बताया कि सभी जर्जर भवनों की रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है, और अपेक्षा है कि जल्द ही मरम्मत अथवा नव निर्माण की दिशा में कार्यवाही होगी।

विद्यालयों की यह खस्ताहाल व्यवस्था न सिर्फ बच्चों की सुरक्षा के लिए खतरा बनी हुई है, बल्कि सरकारी शिक्षा व्यवस्था पर भी बड़ा प्रश्नचिह्न खड़ा कर रही है। शासन से अब शीघ्र हस्तक्षेप की आवश्यकता है।

 

 

 

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