

मोदीनगर क्षेत्र में मेहनत-मजदूरी करने वाली गरीब महिलाओं को बैंक फ्रॉड का निशाना बनाया गया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
प्रदर्शन करती महिलाएं
गाजियाबाद: यूपी के गाजियाबाद के मोदीनगर क्षेत्र में एक चौंकाने वाला बैंक फ्रॉड सामने आया है, जिसमें मेहनत-मजदूरी करने वाली गरीब महिलाओं को निशाना बनाया गया। इस घोटाले में अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय की महिलाओं के नाम पर फर्जी बैंक खाते खोले गए और लोन दिलाने के बहाने उनके साथ ठगी की गई। इस मामले में चेतन माहेश्वरी नाम के एक व्यक्ति पर गंभीर आरोप लगे हैं, जिसने गरीब महिलाओं के आधार कार्ड, पैन कार्ड और फोटो का दुरुपयोग कर उनके नाम पर बैंक खाते खुलवाए। इसके बाद, बिना उनकी जानकारी के फर्जी सिम कार्ड से खातों को लिंक कर एटीएम कार्ड जारी किए गए और अवैध लेन-देन किए गए।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, जब प्रभावित महिलाएं अपनी पासबुक लेने के लिए बैंक पहुंचीं, तो उन्हें पता चला कि उनके खातों से पहले ही पैसे निकाले जा चुके हैं। पीड़ित महिलाओं का कहना है कि उनके खातों का इस्तेमाल न केवल ठगी के लिए, बल्कि किसी बड़ी साजिश के तहत भी किया जा सकता है। इस मामले की गहराई से जांच की मांग उठ रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि उनके खातों में आने वाला पैसा कहां से आ रहा है और इसका उपयोग किस लिए किया गया।
इसके अलावा, महिलाओं ने यह भी आरोप लगाया कि जब उन्होंने इस फर्जीवाड़े का विरोध किया, तो चेतन माहेश्वरी ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया, जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल कर अपमानित किया और जान से मारने की धमकी दी। इस घटना से आहत महिलाओं ने स्थानीय पुलिस में शिकायत दर्ज की, लेकिन शुरुआती कार्रवाई में पुलिस ने आरोपी को छोड़ दिया, जिससे पीड़िताओं में गुस्सा और निराशा है।
बड़ी साजिश की जताई संभावना
न्याय की मांग को लेकर महिलाओं ने मोदीनगर में सड़क जाम कर प्रदर्शन किया और इस घोटाले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। उनका कहना है कि इस मामले में बड़े पैमाने पर साजिश की संभावना है, जिसके तहत उनके खातों का दुरुपयोग किया गया। पीड़ित महिलाओं ने यह भी बताया कि उन्हें इस बात की जानकारी तक नहीं थी कि उनके नाम पर खाते खोले गए हैं। इस मामले ने स्थानीय समुदाय में आक्रोश पैदा कर दिया है। लोग चाहते हैं कि इस घोटाले के पीछे के असली मास्टरमाइंड का पता लगाया जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।