Ghazipur: गाजीपुर जिले में गंगा नदी का जलस्तर एक बार फिर चिंता का कारण बन गया है। बीते एक सप्ताह से जलस्तर में गिरावट देखी जा रही थी, लेकिन बीती रात से इसमें दोबारा बढ़ोतरी शुरू हो गई है। शुक्रवार सुबह 8 बजे गंगा का जलस्तर 62.070 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान 63.105 मीटर से थोड़ा कम है। वर्तमान में जलस्तर में प्रति घंटे 2 सेंटीमीटर की वृद्धि दर्ज की जा रही है।
ये पांच तहसीलें डूबी
बढ़ते जलस्तर के कारण जिले की पांच प्रमुख तहसीलें, सदर, सैदपुर, जमानिया, सेवराई और मुहम्मदाबाद बाढ़ की चपेट में आ गई हैं। इन क्षेत्रों में किसानों की सैकड़ों बीघा फसलें जलमग्न हो चुकी हैं। संपर्क मार्ग जो पहले सूखने लगे थे, अब फिर से डूबने लगे हैं, जिससे स्थानीय लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं।
ये क्षेत्र भी प्रभावित
रेवतीपुर थाना क्षेत्र के हनसपुरा, नसीरपुर, बीरऊपुर और अठहठा गांव सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। इन गांवों में रहने वाले लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। खेतों तक पहुंचना और दैनिक जरूरतों की पूर्ति करना कठिन हो गया है। भांवरकोल क्षेत्र के बारा गांव के किसान अब खेतों और अपने डेरों तक जाने के लिए नावों का सहारा ले रहे हैं, जो एक जोखिम भरा कार्य बन गया है।
धर्मपुरा के पास भागड़ नाले की पुलिया और शेरपुर, आमघाट मार्ग भी पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं। इसके अलावा शेरपुर, फिरोजपुर, पचासी, कठार, नकटीकोल और फखनपुरा गांव भी बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं।
जिला आपदा विशेषज्ञ ने दी जानकारी
जिला आपदा विशेषज्ञ ने जानकारी दी कि जिले में चेतावनी बिंदु 62.100 मीटर है, जबकि इस वर्ष 5 अगस्त को गंगा का जलस्तर 64.690 मीटर तक पहुंच गया था। पिछले तीन वर्षों में भी जलस्तर 64 मीटर से ऊपर दर्ज किया गया था, जो गाजीपुर के लिए खतरे की घंटी है।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर है। एसडीएम सेवराई संजय यादव ने दिलदारनगर क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा कर राहत सामग्री की उपलब्धता, दवाओं का छिड़काव और नावों की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। वहीं, जमानियां तहसील के घाटमपुर और गडहा छानवे गांवों में एसडीएम ज्योति चौरसिया ने ग्रामीणों के साथ चौपाल लगाकर समस्याएं सुनीं और तुरंत राहत पहुंचाने का भरोसा दिलाया।
सदर एसडीएम मनोज पाठक ने करंडा ब्लॉक के महावलपुर, तुसलीपुर, करंडा, लखनचंदपुर और शेरपुर गांवों का निरीक्षण किया और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगातार गांवों में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव कर रही हैं और बीमारियों से बचाव के उपाय बता रही हैं। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क करने की अपील की है।