फतेहपुर के खागा क्षेत्र में एक पेट्रोल पंप पर कम पेट्रोल डालने का विरोध करना दलित ग्राहक को भारी पड़ गया। आरोप है कि पंप संचालक और कर्मचारियों ने जातिसूचक शब्दों के साथ लाठी-डंडों से मारपीट की। पीड़ित गंभीर रूप से घायल हुआ। पुलिस कार्रवाई और प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं।

पीड़ित
Fatehpur: उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के खागा थाना क्षेत्र में स्थित गुलाब सिंह पेट्रोल पंप पर दबंगई और कथित जातिगत उत्पीड़न का गंभीर मामला सामने आया है। पेट्रोल कम डाले जाने की शिकायत करना एक दलित ग्राहक को भारी पड़ गया। आरोप है कि पंप कर्मचारियों और संचालक पक्ष ने मिलकर ग्राहक की जमकर पिटाई कर दी।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, पीड़ित ने बताया कि 11 दिसंबर की शाम वह अपने वाहन में पेट्रोल भरवाने पेट्रोल पंप पहुंचा था। पेट्रोल भरने के बाद उसे मात्रा कम होने का संदेह हुआ, जिस पर उसने कर्मचारियों से सवाल किया। इसी बात को लेकर पंप पर मौजूद लोग आक्रोशित हो गए और बहस देखते ही देखते हिंसा में बदल गई।
आरोप है कि विवाद के दौरान पंप मालिक, उसके परिजन और कर्मचारी एकजुट हो गए। पीड़ित के साथ लाठी-डंडों से मारपीट की गई और जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया गया। सिर और शरीर पर लगातार वार किए गए, जिससे वह गंभीर रूप से घायल होकर मौके पर ही गिर पड़ा।
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घटना के बाद घायल को पहले स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहां हालत गंभीर देखते हुए उसे जिला अस्पताल फतेहपुर रेफर कर दिया गया। पीड़ित कई दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहा और जिंदगी व मौत के बीच जूझता रहा। इस दौरान परिजनों में दहशत और आक्रोश का माहौल बना रहा।
फतेहपुर के खागा क्षेत्र में एक पेट्रोल पंप पर कम पेट्रोल डालने की शिकायत करना एक दलित ग्राहक को भारी पड़ गया। आरोप है कि पंप संचालक व कर्मचारियों ने जातिसूचक शब्दों के साथ लाठी-डंडों से बेरहमी से मारपीट की। @Uppolice @fatehpurpolice #PetrolPumpScam #DalitRights pic.twitter.com/PIc3Pqsiri
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) December 31, 2025
पीड़ित ने वीडियो जारी कर आरोप लगाया है कि पुलिस को दी गई तहरीर में बाद में बदलाव किया गया। गंभीर धाराओं को हल्का कर दिया गया और कुछ आरोपियों के नाम भी बाहर कर दिए गए। इतना ही नहीं, घटना के बाद से आरोपी पक्ष द्वारा समझौते का दबाव और जान से मारने की धमकियां देने की बात भी सामने आई है।
यह मामला केवल मारपीट तक सीमित नहीं है, बल्कि पेट्रोल पंप पर कथित शॉर्ट डिलीवरी जैसे गंभीर आर्थिक अपराध की ओर भी इशारा करता है। जानकारों का कहना है कि अगर पेट्रोल की कटौती सिद्ध होती है तो पंप संचालक पर विधिक माप विज्ञान अधिनियम सहित सख्त धाराओं में कार्रवाई होनी चाहिए। स्थानीय लोगों ने जिलाधिकारी से मामले का संज्ञान लेकर निष्पक्ष जांच और कठोर कार्रवाई की मांग की है।