किसानों ने महापंचायत के माध्यम से आरोप लगाया कि वर्ष 2008 में जब यमुना प्राधिकरण ने उनकी जमीन अधिग्रहित की थी। तब उनसे कई वादे किए गए थे। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की यह रिपोर्ट

ग्रेटर नोएडा में फिर गुस्सा हुए किसान
ग्रेटर नोएडा: यमुना विकास प्राधिकरण से प्रभावित किसानों ने रविवार को ग्रेटर नोएडा के तिरथली गांव में महापंचायत का आयोजन किया। इस महापंचायत में यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के 25 से अधिक गांवों के सैकड़ों किसान शामिल हुए। पंचायत का मुख्य उद्देश्य वर्ष 2008 में हुए भूमि अधिग्रहण से जुड़ी लंबित मांगों को लेकर प्राधिकरण पर दबाव बनाना था।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, किसानों ने महापंचायत के माध्यम से आरोप लगाया कि वर्ष 2008 में जब यमुना प्राधिकरण ने उनकी जमीन अधिग्रहित की थी। तब उनसे कई वादे किए गए थे। इसमें 7 प्रतिशत विकसित भूखंड देने, उचित मुआवजा बढ़ाने और स्थानीय युवाओं को रोजगार देने जैसी प्रमुख बातें शामिल थीं। लेकिन 16 वर्षों के लंबे इंतजार के बावजूद प्राधिकरण ने अपने वादों को पूरा नहीं किया है।
बात नहीं मानी तो विकास कार्यों को रोक देंगे किसान
महापंचायत में किसानों ने एक सुर में कहा कि यह केवल वादाखि, लाफी नहीं बल्कि उनके अधिकारों का हनन है। किसानों का कहना है कि अब उनके सब्र का बांध टूट रहा है। अगर जल्द ही उनकी मांगों पर अमल नहीं हुआ तो वे यमुना प्राधिकरण द्वारा क्षेत्र में चल रहे सभी विकास कार्यों को रोक देंगे।
आंदोलन को तेज किया जाएगा
महापंचायत के दौरान किसानों ने साफ चेतावनी दी कि यह आंदोलन केवल शुरुआत है। यदि प्रशासन और प्राधिकरण ने अब भी उनकी बात नहीं सुनी तो आंदोलन को ज्यादा तेज किया जाएगा। अगली रणनीति के तहत किसानों ने सामूहिक रूप से धरना, प्राधिकरण कार्यालय का घेराव और न्यायालय की शरण लेने जैसे विकल्पों पर भी विचार किया।
प्रशासन एक्टिव मोड में रहा
किसानों के इस विरोध को देखते हुए प्रशासन ने एहतियात के तौर पर महापंचायत स्थल पर भारी पुलिस बल की तैनाती की थी। हालांकि, पूरा आयोजन शांतिपूर्ण रहा और किसानों ने लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बात रखी।