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हापुड़ में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार तड़के मोनाड यूनिवर्सिटी और उससे जुड़े चार ठिकानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई मई 2025 में उजागर हुए फर्जी डिग्री घोटाले के वित्तीय लेनदेन की जांच के तहत की जा रही है। ED ने विश्वविद्यालय के सर्वर, हार्ड डिस्क और दस्तावेज जब्त कर लिए हैं।
प्रतीकात्मक फोटो
Hapur: देश में फर्जी डिग्रियों के मामले समय-समय पर सामने आते रहते हैं। संगठित शिक्षा माफियाओं और फर्जी डिग्रियां देने वालों का जाल देश भर में फैला है। इन माफियाओं पर नकेल कसने के लिए प्रवर्तन निदेशालय ने गुरूवार को इनके खिलाफ छापेमारी का बड़ा अभियान शुरू किया।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीमों ने गुरुवार तड़के हापुड़ जिले में एक साथ चार स्थानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई मई 2025 में सामने आए मोनाड यूनिवर्सिटी के फर्जी डिग्री घोटाले के वित्तीय पहलुओं की जांच के तहत की जा रही है। दिल्ली मुख्यालय से रवाना हुई ईडी की टीमें सुबह करीब तीन बजे हापुड़ पहुंची। अनवरपुर स्थित मोनाड यूनिवर्सिटी कैंपस, अर्जुन नगर, स्वर्ग आश्रम रोड और रेलवे रोड पर सर्च ऑपरेशन शुरू किया।
पहली टीम विश्वविद्यालय के मुख्य कैंपस में दाखिल हुई, जबकि दूसरी टीम अर्जुन नगर स्थित विश्वविद्यालय के पूर्व कर्मचारी सनी कश्यप के घर पहुंची। तीसरी टीम स्वर्ग आश्रम रोड निवासी विपुल चौधरी के घर और चौथी टीम रेलवे रोड निवासी इमरान के घर पर छानबीन में जुटी रही। सभी स्थानों पर दस्तावेजों की बारीकी से जांच चल रही है। अधिकारियों ने अभी किसी भी प्रकार की आधिकारिक जानकारी साझा करने से इनकार किया है।
सूत्रों के अनुसार ईडी की यह कार्रवाई फर्जी डिग्री घोटाले से जुड़े वित्तीय लेनदेन का पता लगाने के उद्देश्य से की जा रही है। मई 2025 में उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने इस घोटाले का खुलासा किया था। जिसमें विश्वविद्यालय के चेयरमैन विजेंद्र सिंह हुड्डा, प्रो-चांसलर नितिन कुमार सिंह सहित दस लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इनमें विश्वविद्यालय के कर्मचारी सनी कश्यप, विपुल चौधरी, इमरान, कुलदीप और संदीप कुमार भी शामिल थे।
ईडी की टीम सुबह साढ़े तीन बजे से विश्वविद्यालय कैंपस के प्रशासनिक भवन, रजिस्ट्रार कार्यालय और अकाउंट्स सेक्शन में फैली हुई है। अधिकारियों ने सभी कंप्यूटरों की हार्ड डिस्क जब्त कर ली हैं और सर्वर रूम को सील कर दिया गया है। कैंपस के मुख्य द्वार पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों ने सुरक्षा घेरा बना रखा है। किसी भी व्यक्ति को अंदर-बाहर जाने की अनुमति नहीं दी जा रही। करीब 200 से अधिक कर्मचारियों को घर भेज दिया गया है।
विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों के बीच अपनी डिग्री की वैधता को लेकर असमंजस और बेचैनी का माहौल है। वहीं, विश्वविद्यालय प्रशासन ने कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।
अर्जुन नगर में सनी कश्यप, रेलवे रोड पर इमरान और स्वर्ग आश्रम रोड पर विपुल चौधरी के घरों पर भी ईडी की टीमों ने सर्च वारंट दिखाकर तलाशी ली। घरों से नकदी, बैंक पासबुक और एक लैपटॉप बरामद किया गया है। स्थानीय लोगों ने बताया कि देर रात अचानक करीब 10 से अधिक गाड़ियां पहुंची और पुलिस ने आसपास के लोगों को मोबाइल से फोटो या वीडियो लेने से मना कर दिया।
जानकारी के मुताबिक मोनाड यूनिवर्सिटी का फर्जी डिग्री रैकेट साल 2023 से सक्रिय था। विश्वविद्यालय के कुछ अधिकारी और कर्मचारी फेल छात्रों से 50 हजार से दो लाख रुपये तक वसूलकर नकली डिग्री और मार्कशीट जारी करते थे। ये दस्तावेज व्हाट्सऐप के माध्यम से मंगवाए जाते थे और भुगतान यूपीआई, नकद या अन्य तरीकों से लिया जाता था। तैयार डिग्रियां दो दिन के भीतर कोरियर से भेज दी जाती थीं। एसटीएफ की जांच में अनुमान लगाया गया कि इस रैकेट से पिछले पांच वर्षों में करीब 18 से 22 करोड़ रुपये की अवैध कमाई की गई।
ईडी को शक है कि यह पैसा रियल एस्टेट, शेल कंपनियों और विदेशी खातों में निवेश किया गया। एजेंसी को उम्मीद है कि कैंपस से जब्त किए गए बैंक स्टेटमेंट, हवाला रसीदें और सर्वर डेटा इस नेटवर्क के कई छिपे पहलुओं का खुलासा कर सकता है। इसके साथ ही विदेशी छात्रों से ली गई फीस और विश्वविद्यालय प्रबंधन के निजी निवेश भी जांच के घेरे में आ गए हैं।