

लखीमपुर खीरी के डॉ. कौशल वर्मा ने पंजाब में आई भयंकर बाढ़ के बीच दवा किट भेजकर मानवता की मिसाल पेश की है। उन्होंने पीड़ितों के इलाज और राहत के लिए हरसंभव मदद देने का संकल्प लिया है।
डॉ. वर्मा का पंजाब के बाढ़ प्रभावितों के लिए सेवा संकल्प
Lakhimpur Kheri: पंजाब इस समय भयंकर बाढ़ की चपेट में है। गांव, खेत, घर, पशुधन और आजीविका सब कुछ पानी में समा चुका है। ऐसे कठिन समय में लखीमपुर खीरी के समाजसेवी और चिकित्सक डॉ. कौशल वर्मा ने एक बार फिर मानवता की मिसाल पेश की है। उन्होंने पंजाब के बाढ़ प्रभावित इलाकों में जीवन रक्षक दवाओं की किट भेजकर संकट में फंसे लोगों को राहत पहुंचाने का कार्य किया है।
डॉ. कौशल वर्मा ने लखीमपुर खीरी के हड़ेला गुरुद्वारा साहिब पहुंचकर वहां की कमेटी को ये दवाएं सौंपीं। उन्होंने बताया कि ये दवाएं अगले 24 घंटे के भीतर पंजाब के बाढ़ प्रभावित इलाकों में जरूरतमंद लोगों तक पहुंचा दी जाएंगी। इस मौके पर गुरुद्वारा कमेटी ने उनके इस सेवा कार्य की सराहना की और कहा कि संकट की घड़ी में इस तरह की मदद समाज को जोड़ने का कार्य करती है।
लखीमपुर जिले में बाढ़ पीड़ितों के लिए मसीहा बने डॉ. कौशल वर्मा, लोगों में लौटी उम्मीद
डॉ. वर्मा ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में अक्सर पानी से होने वाली बीमारियां जैसे डायरिया, स्किन इंफेक्शन, बुखार, सर्दी-जुकाम, और वायरल तेजी से फैलती हैं। इसलिए भेजी गई किट्स में उन सभी बीमारियों के लिए जरूरी दवाएं शामिल की गई हैं। खास बात यह है कि हर दवा किट पर उसका इस्तेमाल, मात्रा और सावधानियां विस्तार से लिखी गई हैं, ताकि आम नागरिक भी इन्हें सही तरीके से इस्तेमाल कर सकें।
उन्होंने आगे बताया कि अगर किसी को दवाओं को लेकर कोई भ्रम या सवाल हो, तो उन्होंने दो हॉस्पिटल्स के हेल्पलाइन नंबर भी दवाओं के साथ साझा किए हैं। इन नंबरों पर 24 घंटे कभी भी कॉल कर के विशेषज्ञों से सलाह ली जा सकती है।
डॉ. कौशल वर्मा यहीं नहीं रुके। उन्होंने यह भी कहा कि यदि बाढ़ के कारण महामारी फैलती है और हालात और गंभीर हो जाते हैं, तो वे अपनी मेडिकल टीम के साथ स्वयं पंजाब जाकर बाढ़ पीड़ितों का इलाज करेंगे। उनका उद्देश्य है कि संकट की इस घड़ी में कोई भी व्यक्ति बिना इलाज के न रहे।
लखीमपुर खीरी में बाढ़ का कहर! डॉ. कौशल वर्मा ने बांटी राहत सामाग्री
डॉ. वर्मा ने पंजाब के मौजूदा हालात पर गहरी चिंता जाहिर करते हुए कहा, यह केवल एक प्राकृतिक आपदा नहीं है, बल्कि मानवीय त्रासदी बन चुकी है। जिन परिवारों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदना है। मैं प्रार्थना करता हूं कि जो लोग अब भी बाढ़ में फंसे हैं, वे सुरक्षित बाहर निकलें और उन्हें शीघ्र राहत मिले।
ज्ञात हो कि डॉ. कौशल वर्मा पहले भी लखीमपुर जिले में बाढ़ के समय राहत कार्यों में अग्रणी भूमिका निभा चुके हैं। उन्होंने कई गांवों में जाकर बाढ़ पीड़ितों को चिकित्सा सेवाएं दीं, भोजन और राशन पहुंचाया, और जरूरतमंदों की सहायता की। उनका मानना है कि अगर आपकी नजर में कोई जरूरतमंद आता है, तो आपकी जिम्मेदारी बनती है कि आप मदद करें।