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Mathura News: USA से आए भक्त ने ठाकुर बांकेबिहारी को चढ़ाई 150 डॉलर की माला, जानिए क्यों

अमेरिका से एक व्यक्ति मथुरा में स्थित ठाकुर बांकेबिहारी के मंदिर में पहुंचा। अमेरिकी व्यक्ति ने भक्ति की नई मिसाल कायम की है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की यह खास रिपोर्ट
Post Published By: Mayank Tawer
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Mathura News: USA से आए भक्त ने ठाकुर बांकेबिहारी को चढ़ाई 150 डॉलर की माला, जानिए क्यों

मथुरा: ठाकुर बांकेबिहारी की लीला जितनी अद्भुत है, उतनी ही अनोखी होती है उनके भक्तों की आस्था और भक्ति। भक्त अपने आराध्य को प्रसन्न करने के लिए अनेक प्रकार की सेवाएं करते हैं। हाल ही में एक ऐसी ही अद्भुत भक्ति का दर्शन बांकेबिहारी मंदिर में देखने को मिला। जब अमेरिका से आए एक भक्त ने अपनी मनोकामना पूर्ण होने पर ठाकुर जी को अमेरिकी डॉलर की माला अर्पित की।

डाइनामाइट न्यूज़ के संवाददाता के अनुसार, मंदिर के सेवायत आशीष गोस्वामी ने बताया कि यह भक्त प्रतिवर्ष अमेरिका से वृंदावन दर्शन हेतु आता है। पिछले वर्ष जब वह दर्शन के लिए आया था, तब उसने ठाकुर जी के समक्ष पूजन-अर्चन कर विशेष मनोकामना व्यक्त की थी। इस वर्ष जब उसकी वह मनोकामना पूर्ण हुई तो वह कृतज्ञता स्वरूप फिर से वृंदावन आया और ठाकुर बांकेबिहारी जी को विशेष भेंट स्वरूप डॉलर की माला चढ़ाई।

डेढ़ सौ डॉलर की माला चढ़ाई

भक्त ने ठाकुर जी के लिए विशेष रूप से एक माला तैयार करवाई जिसमें कुल 150 अमेरिकी डॉलर लगाए गए। यह माला मंदिर के सेवायत के माध्यम से ठाकुर जी को अर्पित की गई। ठाकुर बांकेबिहारी जब मोर मुकुट, स्वर्ण और रजत से सुसज्जित श्रृंगार धारण किए हुए थे। तब उनके गले में डॉलर की यह अनोखी माला भक्तों के आकर्षण का केंद्र बन गई।

भक्तों में उमड़ा उल्लास

इस दृश्य को देखकर मंदिर में उपस्थित सभी श्रद्धालु आनंदित हो उठे। भक्तों ने टकटकी लगाकर ठाकुर जी के इस अद्भुत रूप का दर्शन किया। कई श्रद्धालुओं ने इस अवसर को दिव्य और अविस्मरणीय बताया। उनका मानना है कि ठाकुर बांकेबिहारी हर सच्चे भक्त की मनोकामना अवश्य पूर्ण करते हैं और यह घटना उसी का प्रमाण है।

भक्ति की कोई सीमा नहीं

यह मामला एक बार फिर दर्शाता है कि भक्ति न जात-पात देखती है। न ही देश-काल। अमेरिका जैसे दूरस्थ देश से आकर एक भक्त द्वारा इस तरह की सेवा करना यह सिद्ध करता है कि ठाकुर बांकेबिहारी के चरणों में श्रद्धा रखने वालों की कोई सीमा नहीं होती। उनकी भक्ति में डूबा हर मन, चाहे कहीं भी हो, आराध्य की कृपा का पात्र बनता है।

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