देवरिया जनपद में आवारा कुत्तों का आतंक लगातार बढ़ रहा है। शासन के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद जमीनी स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही। रोज़ाना कुत्तों के काटने की घटनाओं से बच्चे, बुजुर्ग और राहगीर प्रभावित हो रहे हैं।

देवरिया में आवारा कुत्तों का खौफ
Deoria: देवरिया जनपद में आवारा कुत्तों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। शहर से लेकर कस्बों और ग्रामीण इलाकों तक, रोजाना कुत्तों के काटने और दौड़ाने की घटनाएं सामने आ रही हैं।
देवरिया के विभिन्न क्षेत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पैदल राहगीर, दोपहिया वाहन सवार, बच्चे और बुजुर्ग सबसे ज्यादा इन कुत्तों के निशाने पर हैं। कई मामलों में पीड़ितों को बचने तक का मौका नहीं मिल पाता, जिससे गंभीर चोटें भी आ रही हैं।
शासन स्तर पर स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं कि आवारा कुत्तों की पहचान कर उनका टीकाकरण कराया जाए और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर रखा जाए, ताकि आमजन को काटने की घटनाओं से राहत मिल सके। इसके लिए प्रत्येक जनपद के जिम्मेदार अधिकारियों को आदेशित भी किया गया है। लेकिन देवरिया में ये निर्देश कागज़ों तक ही सीमित नज़र आ रहे हैं। न तो प्रभावी टीकाकरण अभियान दिख रहा है और न ही सुरक्षित शेल्टर की व्यवस्था।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, देवरिया के प्रमुख चौराहों, बस स्टैंड, अस्पतालों, सीएससी, पीएससी और मेडिकल कॉलेज के आसपास आवारा कुत्तों के झुंड खुलेआम घूमते देखे जा सकते हैं। ये झुंड अक्सर अचानक हमला कर देते हैं। कई बार स्थानीय लोगों द्वारा रोकने या भगाने की कोशिश करने पर कुत्ते और अधिक आक्रामक हो जाते हैं, जिससे हालात और बिगड़ जाते हैं।
कुत्तों के काटने के मामलों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है। रोजाना बड़ी संख्या में पीड़ित एंटी-रेबीज इंजेक्शन के लिए सीएससी, पीएससी और मेडिकल कॉलेज पहुंच रहे हैं। इससे स्वास्थ्य सेवाओं पर भी अतिरिक्त दबाव पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि अगर समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो स्थिति और भयावह हो सकती है।
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आवारा कुत्तों के साथ-साथ आवारा मवेशियों की संख्या भी मुख्य मार्गों और चौराहों पर बढ़ती जा रही है। इससे यातायात बाधित होता है और दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। नागरिकों का आरोप है कि प्रशासनिक अधिकारी इस गंभीर समस्या पर आंखें मूंदे बैठे हैं।
स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों ने प्रशासन से तत्काल प्रभावी कार्रवाई की मांग की है। उनकी मांग है कि नियमित टीकाकरण, कुत्तों की नसबंदी, सुरक्षित शेल्टर और निगरानी तंत्र को सक्रिय किया जाए, ताकि आम जनता को भयमुक्त माहौल मिल सके।