यूपी के देवरिया जनपद से एक बड़ी खबर सामने आ रही है, जहां पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर को लखनऊ पुलिस देवरिया लेकर पहुंची है और कोतवाली को पूरी तरह छावनी में तब्दील कर दिया गया है।

कड़ी सुरक्षा व्यवस्था (फोटो सोर्स- डाइनामाइट न्यूज़)
Deoria: पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को बुधवार सुबह लखनऊ पुलिस देवरिया लेकर पहुंची, जहां सदर कोतवाली में उनसे करीब दो घंटे तक पूछताछ की गई। कोतवाली परिसर को सुबह से ही पूरी तरह छावनी में बदल दिया गया था। बाहरी लोगों, पत्रकारों और फरियादियों का प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया। कई बार प्रयास के बावजूद पुलिस अधिकारियों ने पूछताछ और गिरफ्तारी से जुड़े सवालों पर कोई जानकारी देने से साफ इनकार कर दिया।
सूत्रों के अनुसार, वर्ष 1999 में देवरिया में एसपी रहते हुए अमिताभ ठाकुर द्वारा कथित रूप से पद का दुरुपयोग किए जाने से जुड़े मामले में यह कार्रवाई की गई है। आरोप है कि उसी वर्ष औद्योगिक क्षेत्र में उनकी पत्नी नूतन ठाकुर के नाम से एक प्लॉट खरीदा गया था। खरीदी के दौरान नूतन ठाकुर का नाम 'नूतन देवी' और अमिताभ ठाकुर का नाम 'अभिजात/अभिताप ठाकुर' दर्ज कराया गया, जबकि दस्तावेज में दिया गया पता बिहार के सीतामढ़ी जिले के खैरा का बताया गया। बाद में यह संपत्ति वास्तविक नाम और पते के आधार पर बेची गई, जिससे सरकारी विभागों, बैंकों और राज्य सरकार को कथित रूप से गुमराह किया गया।
इसी मामले में लखनऊ के तालकटोरा निवासी संजय शर्मा की तहरीर पर सितंबर माह में तालकटोरा थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी। इसके आधार पर मंगलवार की देर रात शाहजहांपुर रेलवे स्टेशन से लखनऊ पुलिस ने अमिताभ ठाकुर को ट्रेन से गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद उन्हें सीधे देवरिया लाया गया, जहां सुबह से दोपहर तक पूछताछ की प्रक्रिया चली।
जब कोतवाली में अमिताभ ठाकुर की मौजूदगी की खबर फैली तो आसपास लोगों की भीड़ जुटने लगी। हालात को देखते हुए पुलिस ने उन्हें कोतवाली से अन्य स्थान पर भेज दिया। इस दौरान पत्रकार जब जानकारी लेने पहुंचे तो पुलिसकर्मियों ने उन्हें प्रवेश से रोक दिया। इस पर पत्रकारों और पुलिस के बीच हल्की नोकझोंक भी हुई।
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पूरे प्रकरण पर पुलिस अधिकारियों ने चुप्पी साधे रखी। पुलिस अधीक्षक संजीव सुमन ने कहा कि उन्हें मामले की कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है। अन्य अधिकारी भी किसी प्रकार की टिप्पणी करने से बचते रहे। अचानक हुई गिरफ्तारी और कड़ी पुलिस व्यवस्था को लेकर विभागीय महकमे में चर्चाओं का दौर जारी है।