Crime in Gorakhpur: गोरखपुर में अपराधियों की खैर नहीं! एडीजी जोन के नए निर्देश से मचेगी हलचल

एडीजी गोरखपुर जोन मुथा अशोक जैन ने गूगल मीट के जरिए सभी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें आगामी त्योहारों की सुरक्षा और अपराध नियंत्रण को लेकर रणनीति बनाई गई। उद्देश्य था क्षेत्र में कानून-व्यवस्था को मजबूत करना और त्योहारों को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराना।

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 30 August 2025, 7:42 AM IST
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Gorakhpur: अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) गोरखपुर जोन, श्री मुथा अशोक जैन ने शनिवार को गूगल मीट के माध्यम से जोन के सभी आईजी, डीआईजी, एसएसपी और एसपी स्तर के अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण गोष्ठी की। इस बैठक में आगामी त्योहारों और अपराध नियंत्रण को लेकर व्यापक रणनीति पर चर्चा हुई। बैठक का उद्देश्य क्षेत्र में कानून-व्यवस्था को और सशक्त बनाना तथा त्योहारों को शांतिपूर्ण और सुरक्षित ढंग से संपन्न कराना था।

त्योहारी सीजन को लेकर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा

गोष्ठी के दौरान एडीजी ने आगामी त्योहारों—गणेश चतुर्थी, अनंत चतुर्दशी, बरावफात, दशहरा और दुर्गा पूजा—को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा तैयारियों की गहन समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि सभी त्योहारों के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखना सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरतने और आवश्यकतानुसार पुलिस बल की तैनाती सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।

संवेदनशील स्थानों पर विशेष निगरानी

बैठक में संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान कर वहां विशेष पुलिस बल तैनात करने का निर्देश भी दिया गया। एडीजी ने कहा कि जुलूसों और सार्वजनिक आयोजनों के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन को अतिरिक्त चौकसी बरतनी होगी। इसके साथ ही, आयोजकों से समन्वय बनाकर सभी कार्यक्रमों को नियमानुसार कराने पर भी जोर दिया गया।

चिन्हित अपराधियों पर होगी कड़ी कार्रवाई

एडीजी श्री मुथा अशोक जैन ने सीसीटीएनएस-15 के तहत थाना स्तर पर चिन्हित किए गए अपराधियों के विरुद्ध तत्काल और सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ऐसे अपराधियों की निगरानी की जाए और उनके विरुद्ध प्रभावी कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाए। अपराध नियंत्रण के लिए थानों को अधिक सक्रिय और जवाबदेह बनाने पर विशेष बल दिया गया।

UP-112 और PRV रिस्पॉन्स टाइम में सुधार के निर्देश

बैठक में UP-112 की कार्यप्रणाली की भी समीक्षा की गई। एडीजी ने पुलिस रिस्पॉन्स व्हीकल (PRV) की कार्यक्षमता को और बेहतर करने की बात कही। उन्होंने निर्देश दिया कि घटनास्थल पर पुलिस की उपस्थिति अधिकतम 10 मिनट के भीतर सुनिश्चित की जाए ताकि पीड़ितों को समय पर मदद मिल सके और पुलिस की छवि मजबूत हो।

जनसुरक्षा और पुलिस की सक्रियता पर जोर

एडीजी ने साफ कहा कि पुलिस की त्वरित कार्रवाई और जनसुरक्षा के प्रति संवेदनशील रवैया ही आम जनता का भरोसा कायम रखता है। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि अपराधियों में भय और आम लोगों में विश्वास पैदा करना पुलिस की जिम्मेदारी है। इसके लिए हर स्तर पर सजग और तत्पर रहना अनिवार्य है।

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पुलिस प्रशासन ने तेज की तैयारियां

एडीजी के स्पष्ट निर्देशों के बाद गोरखपुर जोन में पुलिस प्रशासन ने अपनी तैयारियों को तेज कर दिया है। त्योहारों के दौरान सुरक्षा, ट्रैफिक, भीड़ प्रबंधन और संवेदनशील इलाकों की निगरानी को लेकर रणनीति तैयार की जा रही है। जनता को सुरक्षित और शांतिपूर्ण वातावरण देने के लिए पुलिस हर स्तर पर मुस्तैद है।

 

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