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यूपी के बड़े अधिकारी निलंबित, मैनपुरी के SDO और संत कबीर नगर के GST सहायक आयुक्त सस्पेंड, जानिए क्यों गिरी गाज

विद्युत निगम के एसडीओ सुखबीर सिंह और संत कबीर नगर के सहायक आयुक्त अरविंद कुमार पर भ्रष्टाचार और आचार संहिता का उल्लंघन करने के आरोप में कार्रवाई की गई है। दोनों को निलंबित कर दिया गया है।
Post Published By: Tanya Chand
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यूपी के बड़े अधिकारी निलंबित, मैनपुरी के SDO और संत कबीर नगर के GST सहायक आयुक्त सस्पेंड, जानिए क्यों गिरी गाज

Lucknow: उत्तर प्रदेश में दो बड़े प्रशासनिक मामलों में कड़ी कार्रवाई की गई है, जिसमें मैनपुरी के विद्युत निगम के एसडीओ सुखबीर सिंह और संत कबीर नगर के सहायक आयुक्त अरविंद कुमार को निलंबित कर दिया गया है। सुखबीर सिंह का निलंबन एक वायरल वीडियो के बाद हुआ, जिसमें वह सरकारी गाड़ी में बियर पीते हुए दिखे थे। वहीं, अरविंद कुमार को फर्जी फर्मों से मिलीभगत और गलत पंजीयन देने के आरोप में निलंबित किया गया है। इन घटनाओं ने सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार और आचार संहिता उल्लंघन को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

सुखबीर सिंह का निलंबन: सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो का असर

उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले के करहल उपखंड में तैनात एसडीओ सुखबीर सिंह को दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक नीतीश कुमार ने निलंबित कर दिया है। यह कदम सोमवार शाम को वायरल हुए एक वीडियो के आधार पर उठाया गया है, जिसमें सुखबीर सिंह सरकारी गाड़ी में बियर पीते हुए नजर आ रहे थे। साथ ही, वीडियो में वह कुछ आपत्तिजनक बातें भी कर रहे थे।

करहल उपखंड में तैनात एसडीओ सुखबीर सिंह

Viral Video: सरकारी गाड़ी में बियर पीते पकड़ा गए SDO, वायरल वीडियो से मचा हड़कंप

इस वायरल वीडियो के बाद, जिलाधिकारी अंजनी कुमार सिंह ने मामले का संज्ञान लिया और इसे कर्मचारी आचार संहिता का उल्लंघन माना। इसके बाद अधिशासी अभियंता ने जांच की और रिपोर्ट के आधार पर एसडीओ को निलंबित कर दिया। सुखबीर सिंह को निलंबन के बाद अब बांदा क्षेत्र में संबद्ध कर दिया गया है। यह मामला सिर्फ प्रशासनिक स्तर पर ही नहीं, बल्कि सोशल मीडिया के प्रभाव के कारण भी चर्चाओं में बना हुआ है।

अरविंद कुमार पर फर्जी फर्मों से मिलीभगत का आरोप

संत कबीर नगर जिले में तैनात सहायक आयुक्त अरविंद कुमार को भी भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित किया गया है। उनके खिलाफ फर्जी फर्मों से मिलीभगत करने और गलत तरीके से पंजीयन देने का आरोप है। जांच में यह सामने आया कि अरविंद कुमार ने यादव इंटरप्राइजेज नामक फर्म को बिना सही तरीके से सत्यापन किए पंजीकरण दे दिया, जिसके कारण फर्म ने 18.97 करोड़ रुपये का फर्जी ITC (Input Tax Credit) हड़प लिया।

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