28 साल पुराने मामले में बुलंदशहर कोर्ट ने अब सुनाया फैसला, आरोपी पर लगा 1000 रुपए का जुर्माना

‘ऑपरेशन कन्विक्शन’ के तहत पुलिस को बड़ी सफलता मिली। यह मामला वर्ष 1995 से जुड़ा हुआ है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 24 June 2025, 1:47 PM IST
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बुलंदशहर: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में करीब 28 साल पुराने एक अवैध वसूली के मामले में आखिरकार न्याय की जीत हुई है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, न्यायालय ने मामले के आरोपी सोहनपाल पुत्र मनीराम निवासी ग्राम भटौना को दोषी करार देते हुए जेल में बिताई गई अवधि की सजा और 1000 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। यह फैसला 23 जून 2025 को न्यायिक मजिस्ट्रेट सुनील कुमार त्रिपाठी की अदालत में सुनाया गया।

1995 में हुई थी वारदात

यह मामला 12 फरवरी 1995 का है। जब थाना गुलावठी क्षेत्र में आरोपी सोहनपाल ने वादी इंद्रजीत सिंह की गाड़ी की हवा निकाल दी और फिर उनसे अवैध रूप से पैसे वसूलने की कोशिश की। इस मामले में उसी समय धारा 384 (जबरन वसूली) और 411 (चोरी की संपत्ति को छिपाने या रखने) के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी।

अभियोजन पक्ष ने पेश किए ठोस साक्ष्य

करीब तीन दशकों बाद इस केस की सुनवाई में तेजी आई, जब पुलिस महानिदेशक के निर्देश पर चलाए जा रहे ‘ऑपरेशन कन्विक्शन’ के तहत केस की निगरानी शुरू हुई। अभियोजन पक्ष ने इस मामले में ठोस साक्ष्य और गवाह प्रस्तुत किए। जिनके आधार पर अदालत ने आरोपी को दोषी माना।

एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया

न्यायाधीश सुनील कुमार त्रिपाठी ने सजा सुनाते हुए कहा कि मामला भले ही पुराना हो, लेकिन अपराध की गंभीरता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। आरोपी को उस अवधि की जेल सजा दी गई है, जो उसने पहले ही जेल में काट ली थी। साथ ही उस पर 1000 रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया गया है।

‘ऑपरेशन कन्विक्शन’ के तहत हुई कार्रवाई

इस ऐतिहासिक फैसले को सफलतापूर्वक निष्पादित करने में पुलिस और अभियोजन विभाग की भूमिका अहम रही। विशेष रूप से ‘ऑपरेशन कन्विक्शन’ के अंतर्गत लंबित मामलों को प्राथमिकता देकर सजा दिलाने का अभियान चलाया जा रहा है। बुलंदशहर पुलिस द्वारा इस केस को मॉडल के रूप में पेश किया गया है।

इस टीम ने निभाई अहम भूमिका

मुकदमे की निगरानी बुलंदशहर पुलिस टीम द्वारा की गई। अभियोजन अधिकारी नागेंद्र सिंह, प्रभारी निरीक्षक यशपाल सिंह, हेड कांस्टेबल राकेश दयाल, कोर्ट महा हेड कांस्टेबल सुनील कुमार और हेड कांस्टेबल अंकित कुमार की वजह से यह इंसाफ मिल पाया।

Location : 
  • Bulandshahr

Published : 
  • 24 June 2025, 1:47 PM IST