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जन्मदिन के अगले दिन ही उठी 12 वर्षीय बच्ची की लाश, अगर आप भी सर्दी में नहाते हैं गर्म पानी से तो पढ़ें यह दर्दनाक खबर

अलीगढ़ के शिवाजीपुरम कॉलोनी में बाथरूम में गैस गीजर से दम घुटने के कारण 12 साल की मानवी की मौत हो गई। वह नहाते समय बेहोश हो गई थी। मां ने दरवाजा तोड़ा तो बच्ची फर्श पर पड़ी मिली। अस्पताल पहुंचाने पर डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। हादसे से एक दिन पहले ही मानवी ने अपना जन्मदिन मनाया था। पिता सेना में और मां शिक्षिका हैं।
Post Published By: Subhash Raturi
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जन्मदिन के अगले दिन ही उठी 12 वर्षीय बच्ची की लाश, अगर आप भी सर्दी में नहाते हैं गर्म पानी से तो पढ़ें यह दर्दनाक खबर

Aligarh: शहर के क्वार्सी थाना क्षेत्र की शिवाजीपुरम कॉलोनी में रविवार दोपहर दर्दनाक हादसा हो गया। बाथरूम में गैस गीजर ऑन करके नहा रही 12 वर्षीय बच्ची की दम घुटने से मौत हो गई। मृतका की पहचान मानवी सिंह के रूप में हुई है, जो ओएलएफ स्कूल में कक्षा छठीं की छात्रा थी। हादसे के समय घर में उसकी मां नीतू सिंह और छोटा भाई आरव मौजूद थे।

कब की घटना?

मानवी रविवार दोपहर करीब 12 बजे नीचे बने बाथरूम में नहाने गई थी। करीब आधे घंटे तक जब वह बाहर नहीं निकली तो मां नीतू सिंह ने आवाज दी, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। उस समय नीतू पहली मंजिल पर थीं और घर में प्लंबर भी आया हुआ था, जिसे बाथरूम की मरम्मत के लिए बुलाया गया था।

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कैसे खोला बाथरूम का दरवाजा?

काफी देर तक दरवाजा खटखटाने के बाद भी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलने पर नीतू नीचे उतरीं और बाथरूम का दरवाजा जोर-जोर से पीटने लगीं। जब अंदर से कोई आवाज नहीं आई, तो उन्होंने प्लंबर की मदद से दरवाजा तोड़ा। अंदर मानवी बेहोश हालत में फर्श पर पड़ी थी।

अस्पताल में डॉक्टरों ने मृत घोषित किया

परिजन तुरंत मानवी को रामघाट रोड स्थित मैक्स अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। चिकित्सकों के मुताबिक बंद बाथरूम में गैस गीजर के चलते ऑक्सीजन की कमी हो गई थी और कार्बन मोनोऑक्साइड गैस के प्रभाव से उसका दम घुट गया।

जन्मदिन के अगले ही दिन बुझ गई जिंदगी

मानवी का शनिवार को ही जन्मदिन था। परिवार ने खुशी-खुशी जन्मदिन मनाया था। पिता देवेंद्र सिंह, जो राजस्थान के जैसलमेर में सेना में तैनात हैं, छुट्टी न मिलने के कारण जन्मदिन पर घर नहीं आ सके थे। बेटी की मौत की सूचना मिलते ही वे तुरंत अलीगढ़ के लिए रवाना हुए और देर शाम तक घर पहुंच गए। परिवार ने रविवार शाम को ही मानवी का अंतिम संस्कार कर दिया।

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नया घर और नया सपना, लेकिन मौत ने छीना सबकुछ

परिवार ने हाल ही में शिवाजीपुरम में नया मकान बनवाया था। दशहरे के दिन गृह प्रवेश हुआ था और 2 अक्टूबर को पूरा परिवार इस घर में शिफ्ट हुआ था। नीतू सिंह सासनी क्षेत्र के एक प्राथमिक विद्यालय में शिक्षिका हैं, जबकि पिता देवेंद्र सिंह देश सेवा में तैनात हैं। छोटा भाई आरव केवल छह साल का है और अभी स्कूल जाना शुरू किया था।

परिवार में पसरा मातम

मानवी की मौत से पूरा परिवार सदमे में है। पड़ोसी रोहित शर्मा ने बताया कि मानवी होनहार और हंसमुख बच्ची थी। शनिवार को जन्मदिन की खुशियां थीं, लेकिन अगले ही दिन घर में मातम छा गया। पूरी कॉलोनी में इस घटना के बाद शोक का माहौल है।

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