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बाराबंकी की नगर पंचायत जैदपुर की स्वच्छता व्यवस्था एक बार फिर विवादों में घिर गई है। जैदपुर बाईपास के पास सड़क किनारे खुले में कूड़ा फेंकने से स्थानीय निवासियों में भारी आक्रोश है। तेज दुर्गंध, मच्छरों का प्रकोप और उड़ते धूल-कचरे ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है।
नगर पंचायत जैदपुर
Barabanki: बाराबंकी की नगर पंचायत जैदपुर की स्वच्छता व्यवस्था एक बार फिर विवादों में घिर गई है। जैदपुर बाईपास के पास सड़क किनारे खुले में कूड़ा फेंकने से स्थानीय निवासियों में भारी आक्रोश है। तेज दुर्गंध, मच्छरों का प्रकोप और उड़ते धूल-कचरे ने नजदीकी श्री साईं कॉलेज सहित आसपास के मोहल्लों में रहने वाले लोगों का जीवन मुश्किल बना दिया है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि नगर पंचायत की घोर लापरवाही के चलते कूड़ा निस्तारण की कोई ठोस व्यवस्था नहीं की गई है। प्रतिदिन टनभर कचरा खुले में फेंका जा रहा है, जिससे संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा लगातार बढ़ रहा है। लोगों ने नगर पंचायत से अपेक्षा जताई है कि जल्द प्रभावी कदम उठाए जाएं।
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सूत्रों के अनुसार, कूड़े का अवैध उपयोग मिट्टी पाटने के कार्यों में किया जा रहा है। इसके एवज में कथित रूप से सुविधा शुल्क या घूस वसूला जा रहा है। हालांकि इस बात की आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है, लेकिन स्थानीय स्तर पर इसकी चर्चाएं तेजी से फैल रही हैं।
स्थानीय लोग प्रशासन को चेतावनी दे चुके हैं कि यदि कूड़ा निस्तारण की समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो वे विरोध प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे। उनका कहना है कि आबादी से दूर किसी सुरक्षित स्थान पर कूड़ा डंपिंग का प्रबंध होना चाहिए, ताकि संक्रमण, दुर्गंध और मच्छरों की समस्या से निजात मिल सके।
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जनहित से जुड़े इस गंभीर मामले में नगर पंचायत और जिम्मेदार अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। लोग प्रशासन से जवाबदेही और ठोस कार्रवाई की उम्मीद लगाए बैठे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर समय पर कार्रवाई नहीं हुई, तो यह न केवल स्वच्छता की समस्या बढ़ाएगा, बल्कि सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए भी खतरा बन सकता है।
जैदपुर में कूड़ा डंपिंग की समस्या न केवल स्थानीय निवासियों के लिए असुविधाजनक है, बल्कि यह स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों के लिए गंभीर चुनौती पेश कर रही है। अब देखना यह है कि नगर पंचायत और प्रशासन इस मामले में कितनी तत्परता और प्रभावी कार्रवाई करते हैं।