

बहुचर्चित ‘लेडी डॉक्टर बंगला’ की भूमि पर वर्षों से चला आ रहा विवाद आखिरकार समाप्त हो गया है। डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट में पढ़िए क्या है ये विवाद।
नगर पालिका, बाराबंकी
बाराबंकी: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी के नवाबगंज नगर क्षेत्र स्थित बहुचर्चित 'लेडी डॉक्टर बंगला' की भूमि पर वर्षों से चला आ रहा विवाद आखिरकार समाप्त हो गया है। आयुक्त न्यायालय, अयोध्या मंडल ने इस विवाद पर नगर पालिका नवाबगंज के पक्ष में फैसला सुनाते हुए स्पष्ट कर दिया कि यह भूमि अब पूरी तरह से नगर पालिका के अधिकार क्षेत्र में है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, गाटा संख्या 199, जिसमें कुल रकबा 3 बीघा 16 बिस्वा 13 घुर भूमि सम्मिलित है, को लेकर लंबे समय से सईद फातिमा अशरफ और अन्य पक्षकारों द्वारा दावा किया जा रहा था। उन्होंने दिनांक 11 मार्च 2024 को आयुक्त न्यायालय, अयोध्या मंडल में अपील दायर की थी। इस पर सुनवाई के बाद आयुक्त ने 4 जून 2025 को अपना अंतिम निर्णय सुनाते हुए अपील को खारिज कर दिया और नगर पालिका के स्वामित्व की पुष्टि की।
विकास की दिशा में बड़ी जीत
इस फैसले से नगरवासियों में खुशी की लहर दौड़ गई है। स्थानीय लोगों ने इसे नगर के विकास की दिशा में एक बड़ी जीत बताया है। नगर पालिका परिषद नवाबगंज के अधिशासी अधिकारी श्री संजय शुक्ला ने जानकारी देते हुए बताया कि इस भूखंड पर जल्द ही जनोपयोगी सुविधाओं का निर्माण प्रारंभ किया जाएगा। जिलाधिकारी के निर्देश पर निर्माण कार्य की योजना तैयार कर ली गई है और कार्य शीघ्र शुरू किया जाएगा।
श्री शुक्ला ने यह भी बताया कि इस भूमि पर पार्क, सामुदायिक केंद्र, पुस्तकालय, वृद्धजन सहायक केंद्र जैसी सुविधाओं के निर्माण की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं, जिससे नगर के नागरिकों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। नगर पालिका का उद्देश्य इस स्थान को एक जनकल्याणकारी केंद्र के रूप में विकसित करना है।
स्थानीय व्यापारी संघ के प्रतिनिधियों, वरिष्ठ नागरिकों, महिला संगठनों और युवाओं ने इस निर्णय पर प्रसन्नता जताई है और नगर पालिका व जिला प्रशासन का आभार प्रकट किया है। उनका कहना है कि यदि इस भूमि का सदुपयोग विकास कार्यों में होता है, तो न केवल क्षेत्र की सुंदरता बढ़ेगी, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार और सुविधाओं का भी सृजन होगा।
क्या था विवाद
यह भूमि पहले 'लेडी डॉक्टर बंगला' के नाम से प्रसिद्ध थी और इसके स्वामित्व को लेकर लम्बे समय से विवाद चल रहा था। इससे संबंधित फाइलें उपजिलाधिकारी बक्शी का तालाब के कार्यालय में भी लम्बे समय तक लंबित रहीं। हालांकि, उपजिलाधिकारी ने पूर्व में ही भूमि को नगर पालिका की संपत्ति के रूप में मान्यता दे दी थी। अब आयुक्त न्यायालय से मिली अंतिम मुहर के साथ यह विवाद पूर्णतः समाप्त हो गया है।
नगर पालिका अध्यक्ष ने भी जनता को विश्वास दिलाया है कि भूमि के विकास में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी और यह स्थान नवाबगंज नगर का एक आदर्श स्थल बनेगा।