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भू माफिया के दबाव में बाराबंकी प्रशासन, ग्राम प्रधान की शिकायतों को किया नजरअंदाज

बाराबंकी के नवाबगंज तहसील स्थित ग्राम पंचायत खसपरिया में भू माफियाओं ने सरकारी जंगल और बंजर जमीन पर अवैध कब्जा कर रखा है। ग्राम प्रधान दिलीप कुमार ने डीएम और एसपी को शिकायत की, लेकिन प्रशासनिक कर्मचारियों ने भ्रामक आख्या देकर कार्रवाई में बाधा डाली। कब्जाधारक लोग प्रधान को धमकियां भी दे रहे हैं।
Post Published By: Poonam Rajput
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भू माफिया के दबाव में बाराबंकी प्रशासन, ग्राम प्रधान की शिकायतों को किया नजरअंदाज

बाराबंकी : बाराबंकी जिले के नवाबगंज तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत खसपरिया में भू माफियाओं द्वारा सरकारी जमीनों पर कब्जा करने का गंभीर मामला सामने आया है। ग्राम प्रधान दिलीप कुमार ने डीएम व एसपी से शिकायत की है कि ग्राम की बंजर और जंगल खाते में दर्ज सरकारी जमीनों पर शातिर भू माफिया बाबा पठान उर्फ अबुबकर ने अवैध कब्जा जमा रखा है। इसके अलावा, हफीजउल्ला एचएम ग्रीन सिटी नामक कंपनी द्वारा फर्जी दस्तावेज़ों के सहारे इन भूमि टुकड़ों को कई लोगों को बेचने का प्रयास किया जा रहा है।

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ग्राम प्रधान को धमकियां 

ग्राम प्रधान ने बताया कि जब भी वे अधिकारियों के पास शिकायत लेकर जाते हैं, तो उन्हें भू माफियाओं और दबंगों की तरफ से फोन पर गालियां सुननी पड़ती हैं और जान से मारने की धमकी भी मिलती है। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक कर्मचारियों की लापरवाही और भ्रामक आख्या के कारण अब तक शिकायतों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। इस वजह से ग्राम पंचायत की जमीनों पर कब्जे लगातार बढ़ रहे हैं और जमीन का उपयोग गैरकानूनी तरीके से बदल रहा है।

सरकारी भूमि का अवैध रूप से टुकड़ों में बंटवारा

ग्राम प्रधान ने गाटा संख्या 1844, 1843 ब, 1846 झ, 1832 झ और 1830 क को सरकारी जंगल और बंजर खाते की जमीन बताया है, जिस पर कब्जे की बात कही गई है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर प्रशासन जल्द इस मामले में कदम नहीं उठाता है, तो भविष्य में इन जमीनों को लेकर बड़ा विवाद हो सकता है, जो सामाजिक शांति के लिए खतरा साबित होगा।

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डीएम के आदेश के बावजूद नहीं हुई कार्रवाई

यहां यह भी उल्लेखनीय है कि जिलाधिकारी के आदेश के बावजूद संबंधित अधिकारियों ने कार्रवाई में कोताही बरती है। ग्राम प्रधान लगातार अधिकारियों के चक्कर काटते रहे, लेकिन भू माफिया का आतंक बढ़ता ही जा रहा है। ग्रामीण और पंचायत स्तर पर स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।

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