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उत्तर प्रदेश के विश्व प्रसिद्ध स्मारक ताजमहल की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया गया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
ताजमहल की फिजाओं में मंडरा रहा है खतरा?
आगरा: उत्तर प्रदेश के विश्व प्रसिद्ध स्मारक ताजमहल की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया गया है। अब स्मारक के चारों ओर एंटी ड्रोन सिस्टम तैनात कर दिया गया है, जो प्रतिबंधित हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने वाले किसी भी ड्रोन को तुरंत निष्क्रिय करने में सक्षम है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, शुक्रवार को सहायक पुलिस आयुक्त (ताज सुरक्षा) सैयद अरीब अहमद ने यह जानकारी देते हुए बताया कि ताज परिसर में यह सिस्टम पूरी तरह सक्रिय कर दिया गया है। 500 मीटर के दायरे में कड़ी निगरानी शुरुआती चरण में ताजमहल के चारों ओर 500 मीटर के दायरे में निगरानी के लिए एंटी ड्रोन सिस्टम तैनात किया गया है। इस क्षेत्र में कोई भी ड्रोन मिलने पर उसे तुरंत निष्क्रिय कर दिया जाएगा। हालांकि यह सिस्टम कुल 8 किलोमीटर के क्षेत्र में ड्रोन का पता लगाने और उसे मार गिराने की क्षमता रखता है।
इस हाईटेक सिस्टम में 'रेडियो फ्रीक्वेंसी जैमिंग' और 'जीपीएस सिग्नल जैमिंग' जैसी आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है। इन तकनीकों की मदद से न सिर्फ ड्रोन को रोका जाता है, बल्कि उसे जमीन पर लाने के बाद क्विक रिएक्शन टीम (क्यूआरटी) मौके पर पहुंचकर डिवाइस को जब्त कर लेती है और ड्रोन ऑपरेटर की भी पहचान कर ली जाती है।
इससे पहले इस तकनीक का इस्तेमाल जनवरी 2024 में अयोध्या में राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर सफलतापूर्वक किया गया था। इसके अलावा प्रयागराज महाकुंभ 2025 के दौरान भी भीड़ और वीआईपी मूवमेंट की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इसी सिस्टम का इस्तेमाल किया गया था।
ताजमहल देश की धरोहरों में एक अनमोल रत्न है और हर साल लाखों की संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक यहां आते हैं। ऐसे में इसकी सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। ड्रोन रोधी प्रणालियों की तैनाती एक *नई तकनीकी क्रांति* का संकेत देती है जिसमें पारंपरिक सुरक्षा उपायों के साथ-साथ अत्याधुनिक डिजिटल सुरक्षा को भी प्राथमिकता दी जा रही है।
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