धरने की सूचना मिलते ही देर रात करीब 9 बजे उपजिलाधिकारी सदर जितेंद्र कुमार, सिंचाई खंड द्वितीय के सहायक अभियंता जितेंद्र पटेल और थानाध्यक्ष चौक ओमप्रकाश गुप्ता मौके पर पहुंचे। अधिकारियों और ग्रामीणों के बीच करीब एक घंटे तक गहन वार्ता हुई।

बाढ़ प्रभावित गांवों में पहुंचे अफसर
Maharajganj: केवलापुर खुर्द क्षेत्र में बंधे और पक्के ठोकर निर्माण की वर्षों पुरानी मांग को लेकर हुए जन आंदोलन के बाद आखिरकार सिंचाई विभाग और प्रशासन सक्रिय हो गया है। जिलाधिकारी के निर्देश पर सिंचाई खंड द्वितीय की टीम ने मंगलवार को प्रभावित गांवों का दौरा कर स्थलीय निरीक्षण किया। इस कार्रवाई से ग्रामीणों में राहत और उम्मीद दोनों देखने को मिली।
केवलापुर खुर्द के चानकी से जिनवापुर होते हुए आराजी सुबाईन तक बंधे के निर्माण तथा जिनवापुर और जगपुर गांव के पास पक्के ठोकर के निर्माण की मांग लंबे समय से की जा रही थी। ग्रामीणों का कहना है कि हर साल बाढ़ के मौसम में नदी का तेज कटाव खेतों, घरों और संपर्क मार्गों को भारी नुकसान पहुंचाता है। बंधे और ठोकर न होने के कारण गांवों की सुरक्षा लगातार खतरे में बनी रहती है।
इसी गंभीर समस्या को लेकर जिला पंचायत सदस्य सुरेश चंद साहनी के नेतृत्व में ग्रामीणों ने 19 दिसंबर को आंदोलन किया था। इसके बाद बीते शुक्रवार को केवलापुर खुर्द स्थित राजगढ़ समय माता मंदिर परिसर में दो सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया गया। धरने में बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए और प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जाहिर की।
धरने की सूचना मिलते ही देर रात करीब 9 बजे उपजिलाधिकारी सदर जितेंद्र कुमार, सिंचाई खंड द्वितीय के सहायक अभियंता जितेंद्र पटेल और थानाध्यक्ष चौक ओमप्रकाश गुप्ता मौके पर पहुंचे। अधिकारियों और ग्रामीणों के बीच करीब एक घंटे तक गहन वार्ता हुई। शुरुआत में ग्रामीण अपनी मांगों पर अड़े रहे, लेकिन अधिकारियों द्वारा बंधे और पक्के ठोकर निर्माण की प्रक्रिया जल्द शुरू कराने के आश्वासन के बाद धरना समाप्त कर दिया गया।
DRDO ने आसमान में बनाया नया सुरक्षा कवच, दुश्मनों की रणनीति को पहले ही बता देगा, जानें कैसे
धरना समाप्त होने के बाद जिलाधिकारी के निर्देश पर सिंचाई विभाग की टीम ने मंगलवार को क्षेत्र का निरीक्षण किया। सिंचाई खंड द्वितीय के अवर अभियंता केएम सिंह के नेतृत्व में टीम ने चानकी, जिनवापुर, जगपुर, जोगिया और आराजी सुबाईन गांवों का दौरा किया। अधिकारियों ने बाढ़ से प्रभावित इलाकों की स्थिति का बारीकी से जायजा लिया।
निरीक्षण के दौरान टीम ने नदी की दूरी, कटाव की दिशा, संभावित खतरे और बाढ़ के दौरान होने वाले नुकसान का विस्तृत आकलन किया। अवर अभियंता केएम सिंह ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देशानुसार सभी तकनीकी बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए रिपोर्ट तैयार की जा रही है। इसके आधार पर विस्तृत कार्ययोजना बनाकर शासन को भेजी जाएगी।
अवर अभियंता केएम सिंह ने स्पष्ट किया कि शासन से स्वीकृति और धनराशि मिलते ही बंधे और पक्के ठोकर का निर्माण कार्य शुरू करा दिया जाएगा। उन्होंने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि इस बार कार्य को गंभीरता से लिया जा रहा है, ताकि भविष्य में बाढ़ से होने वाले नुकसान को रोका जा सके।
निरीक्षण के दौरान जिला पंचायत सदस्य सुरेश चंद साहनी, सामाजिक कार्यकर्ता रवींद्र जैन, अवर अभियंता मनीष वर्मा, जेई सुशील कुमार चौधरी सहित अंगद चौहान, हरीश आर्य, धर्मेंद्र सिंह, सुनील सिंह, गणेश चौहान, ओमप्रकाश मौर्य, दिनेश यादव समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।
ग्रामीणों ने प्रशासनिक पहल पर संतोष जताते हुए कहा कि यदि बंधे और पक्के ठोकर का निर्माण हो जाता है, तो क्षेत्र को बाढ़ की समस्या से स्थायी राहत मिल सकेगी। लोगों को उम्मीद है कि इस बार निरीक्षण केवल औपचारिकता नहीं रहेगा, बल्कि धरातल पर ठोस कार्यवाही देखने को मिलेगी।