

उत्तर प्रदेश के हरदोई में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है जहां निजी अस्पताल की लापरवाही से बुजुर्ग व्यक्ति की मौत हो गई। पूरा मामला जानने के लिए पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़
निजी अस्पताल की लापरवाही (सोर्स- रिपोर्टर)
हरदोई: उत्तर प्रदेश हरदोई के कोतवाली शहर क्षेत्र में बावन रोड स्थित एक निजी अस्पताल में अधेड़ की मौत हो गई। जिसके बाद परिजनों ने गलत इंजेक्शन व दवा खिलाने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा मचाया। घटना की सूचना पाकर नोडल अधिकारी डॉ मनोज कुमार व सीओ सिटी अंकित मिश्रा मौके पर पहुंचे और परिजनों को समझने का प्रयास किया और आश्वासन देकर परिजनों को शांत कराया।
मृतक के पैर में था दर्द
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, सवायजपुर थाना क्षेत्र के सांझरा निवासी 54 वर्षीय बड़े सिंह के पैरों में दर्द हो रहा था। परिजन बुधवार की सुबह बड़े सिंह को लेकर कोतवाली शहर क्षेत्र के बावन रोड में स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। जिसके बाद बड़े सिंह की मौत हो गई।
परिजनों ने लगाया गंभीर आरोप
परिजनों ने आरोप लगाते हुए बताया कि बड़े सिंह को जहां दर्द हो रहा था, वहां पर डॉक्टर ने एक इंजेक्शन लगाया और नींद की गोली खिलवाई। इसके बाद से बड़े सिंह उठे ही नहीं। काफी देर बाद डॉक्टर को सूचना दी गई। जिसके बाद पता चला कि बड़े सिंह की मौत हो चुकी है।
सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचा पुलिस
इस पर परिजनों ने अस्पताल परिसर में हंगामा काटना शुरु कर दिया। पुलिस को सूचना दी गई जिससे सीओ सिटी अंकित मिश्रा व शहर कोतवाल संजय त्यागी मौके पर पहुंचे। वहीं सीएमओ को सूचना देने के बाद नोडल अधिकारी डॉ मनोज कुमार मौके पर पहुंचे।
अवैध था अस्पताल
डॉ मनोज कुमार का कहना है कि यह अस्पताल अवैध तरीके से संचालित हो रहा था। इसका पंजीकरण नहीं है अस्पताल को सीज कर दिया गया है और इस मामले की तहरीर कोतवाली शहर में दे दी गई है। शहर कोतवाल संजय त्यागी ने बताया कि शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
यूपी के सरकारी अस्पताल में भी हुई लापरवाही
अस्पताल में लापरवाही का मामला केवल हरदोई तक ही सीमित नहीं है, उन्नाव के औरास के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भी लापरवाही का मामला सामने आया है। अस्पताल में जनरेटर होने के बाद भी स्वास्थ्यकर्मी बिजली न होने का कारण बताकर मरीजों को एक्स-रे कराए बिना वापस भेज रहे हैं। अस्पताल की यह हालत सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की खराब स्थिति को दर्शाती है।