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Gorakhpur News: कार्तिक पूर्णिमा पर सरयू तट पर उमड़ा सैलाब, भक्ति में डूबें श्रद्धालु

दूर-दराज़ क्षेत्रों से आए श्रद्धालुओं ने स्नान कर दान, अन्न-वस्त्र वितरण और पूजा-अर्चना कर पुण्य लाभ अर्जित किया। घाटों पर सुबह से दोपहर तक स्थिति यह रही कि कदम रखने तक की जगह नहीं बची। श्रद्धालुओं की अपार भीड़ देखने को मिली।
Post Published By: Asmita Patel
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Gorakhpur News: कार्तिक पूर्णिमा पर सरयू तट पर उमड़ा सैलाब, भक्ति में डूबें श्रद्धालु

Gorakhpur: कार्तिक पूर्णिमा के पावन पर्व पर बुधवार को गोला उपनगर सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित सरयू नदी के विभिन्न घाटों पर आस्था और श्रद्धा का विशाल जनसैलाब उमड़ पड़ा। तड़के ब्रह्ममुहूर्त से ही श्रद्धालु सरयू स्नान हेतु घाटों पर पहुंचने लगे। पक्का घाट, शीतला घाट, रामामऊ, बेवरी, बरदसिया के साथ ही विसरा, बांहपुर, गोडियाना, बारानगर, शिवपुर, भर्रोह, मदरिया, मदरहा और दलुआ घाटों पर दिनभर भीड़ टूटती रही। सरयू तट के अलग-अलग घाटों पर “हर हर सरयू माता” और “जय श्रीराम” के जयकारों ने वातावरण को भक्तिमय बना दिया।

दूर-दराज़ क्षेत्रों से आए श्रद्धालुओं ने स्नान कर दान, अन्न-वस्त्र वितरण और पूजा-अर्चना कर पुण्य लाभ अर्जित किया। घाटों पर सुबह से दोपहर तक स्थिति यह रही कि कदम रखने तक की जगह नहीं बची। विशेषकर नगर पंचायत गोला के पक्का घाट और श्याम घाट पर श्रद्धालुओं की अपार भीड़ देखने को मिली। पक्का घाट की ओर जाने वाले मार्गों पर वाहनों का जाम इस कदर रहा कि कई श्रद्धालु घंटों फंसे रहे। महिलाओं, बुजुर्गों और छोटे बच्चों को घाट तक पहुंचने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

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अव्यवस्था ने बिगाड़ा भक्तिमय माहौल

जहां एक ओर श्रद्धालु भक्ति में डूबे दिखे, वहीं दूसरी ओर नगर पंचायत की व्यवस्थाएं पूरी तरह लड़खड़ाई रहीं। नदी किनारे सफाई की व्यवस्था काफी कमजोर रही। घाट पर कूड़ा और भीड़ नियंत्रण के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति दिखाई दी। जाम की स्थिति से श्रद्धालु बेहाल दिखे, जबकि प्रशासनिक टीम मौके से नदारद रही। श्रद्धा से भरे इस महापर्व ने नगर पंचायत की तैयारियों की पोल खोल दी।

स्टीमर ने बढ़ाया खतरा, खुले पड़े रहे शिविर

सबसे चिंताजनक दृश्य पक्का घाट पर देखने को मिला, जहां स्नान कर रहे श्रद्धालुओं के बीच नाविक तेज रफ्तार से स्टीमर दौड़ाते रहे। इससे कई बार अफरा-तफरी और हादसे की स्थिति पैदा होते-होते बची। वहीं नदी में अपशिष्ट डालने के लिए बनाए गए अस्थायी शिविरों को ढकने तक की व्यवस्था नहीं की गई, जो प्रशासनिक लापरवाही को साफ उजागर करता है।

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शांति पूर्वक सम्पन्न हुआ स्नान

हालांकि दोपहर तक भीड़ नियंत्रण में आती दिखी और कार्तिक पूर्णिमा का स्नान बिना किसी बड़ी घटना के शांति पूर्ण तरीके से सम्पन्न हो गया। श्रद्धालुओं ने इस पावन पर्व को आस्था, भक्ति और दान के साथ मनाया। लेकिन इस बार की भीड़ और अव्यवस्था ने यह संकेत साफ कर दिया कि यदि प्रशासन भविष्य में सतर्क और सक्रिय नहीं हुआ तो ऐसे धार्मिक अवसरों पर अफरा-तफरी और जोखिम और बढ़ सकते हैं।

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