

राजस्व विभाग से जुड़ी एक बड़ी अनियमितता का खुलासा हुआ है, जो कि 58.14 एकड़ बेशकीमती कृषि भूमि से जुड़ा हुआ है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नगर पालिका परिषद हमीरपुर (सोर्स- हमीरपुर)
हमीरपुर: यूपी के हमीरपुर जिले में राजस्व विभाग से जुड़ी एक बड़ी अनियमितता का खुलासा हुआ है, जिसमें करोड़ों रुपये की सरकारी भूमि को निजी पक्षों को लाभ पहुंचाने की नीयत से अकृषिक भूमि दिखा दिया गया। यह घोटाला हमीरपुर मुख्यालय के डीएम आवास के नजदीक स्थित 58.14 एकड़ बेशकीमती कृषि भूमि से जुड़ा हुआ है।
मामले में एसडीएम सदर द्वारा बड़ी कार्रवाई की गई है। इस गंभीर प्रकरण में तत्कालीन एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, लेखपाल सहित कुल 13 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। साथ ही साथ मामले से जुड़े लेखपाल को सस्पेंड कर दिया गया है। यह मामला लंबे समय से हाईकोर्ट में विचाराधीन है।
डायनामाइट न्यूज़ के संवाददाता के अनुसार, इस मामले में रिकॉर्ड में हेराफेरी कर भूमि को अकृषिक दिखाया गया और लाभार्थियों को अनुचित लाभ पहुंचाने की कोशिश की गई। यह भूमि मेरापुर डांडा की 51.89 एकड़ और भिलावां डांडा की 6.25 एकड़ में फैली हुई है, जिसकी अनुमानित कीमत करीब 500 करोड़ रुपये आंकी गई है।
मामले को लेकर विशेष जांच समिति का गठन
बता दें कि इस घोटाले को गंभीरता से लेते हुए हमीरपुर के जिलाधिकारी ने अक्टूबर 2024 में एक विशेष जांच समिति का गठन किया। जांच के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि भूमि से संबंधित मूल दस्तावेज और रिकॉर्ड कोर्ट में जानबूझकर प्रस्तुत नहीं किए गए। साथ यह भी पाया गया कि अभिलेखों में फर्जी तरीके से बदलाव कर सरकारी पक्ष को कमजोर किया गया, जिससे विपक्ष पक्ष को कानूनी लाभ मिल सके।
इस मामले में 2004 से 2007 तक सदर तहसील में तैनात रहे तत्कालीन एसडीएम विजय कुमार गुप्ता, तहसीलदार, नायब तहसीलदार जैनेंद्र सिंह और लेखपाल राजकिशोर की भूमिका संदिग्ध पाई गई। जिलाधिकारी के निर्देश पर तत्कालीन सदर लेखपाल राजकिशोर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
13 लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज
एसडीएम सदर शुक्रमा प्रसाद विश्वकर्मा ने 26 अप्रैल 2025 को कोतवाली में औपचारिक तहरीर देकर इस मामले में एफआईआर दर्ज कराई। इसके आधार पर पुलिस ने कुल 13 लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है। इसमें सरकारी अधिकारियों के साथ-साथ कुछ निजी पक्षकार भी शामिल हैं। नामजद आरोपियों में रमेश कुमार सिंघल, जानकीशरण सिंघल, राधारमण सिंघल (स्वरूपनगर, कानपुर), प्रकाश मोहन सिंघल (तिलकनगर पूर्वी, कानपुर), सूर्यनारायण (बनारस), विवेक कुमार (लखनऊ), विशाल सिंघल, हिमांशु सिंघल और आनंदेश्वर अग्रवाल (खजांची मोहल्ला, रमेड़ी) शामिल हैं।
गौरतलब है कि यह मामला वर्तमान में हाईकोर्ट में विचाराधीन है और इसकी गंभीरता को देखते हुए प्रशासनिक स्तर पर जांच तेज कर दी गई है।