राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केन्द्र मुज़फ़्फ़रपुर ने कहा है कि शाही लीची अब अपने गुणवत्ता के अनुरूप तैयार हो गई है और किसानों को इसे तोड़कर बाजार में लाना शुरू कर देना चाहिए ।
चक्रवात अम्फान के कारण कुछ राज्यो में भले ही बेहद तबाही मची है लेकिन यह लीची की फसल के लिए वरदान साबित हुई है।
कोरोना के विरूद्ध रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने में कारगर लीची की गुणवत्तापूर्ण फसल न केवल तैयार है बल्कि जल्दी ही बाजार में दस्तक देगी।