किशोरावस्था के प्रेम को नियंत्रित नहीं किया जा सकता, पॉक्सो जमानत मामलों में सावधानी जरूरी
दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक नाबालिग लड़की के साथ आपसी सहमति से बनाये गये शारीरिक संबंध से जुड़े मामले में एक युवक को दो महीने की जमानत मंजूर करते हुए कहा कि किशोर मनोविज्ञान और किशोर प्रेम को अदालतों द्वारा नियंत्रित नहीं किया जा सकता है और न्यायाधीश को ऐसे मामलों में जमानत याचिकाओं का निपटारा करते समय सावधानी बरतनी चाहिए।पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर