Tribute to Munshi Premchand: जानिये, मुंशी प्रेमचंद से जुड़े कुछ रोचक तथ्य
8 अक्टूबर 1936 की शाम को ‘अब तो जाते हैं मैकदे में मीर, फिर मिलेंगे अगर खुदा लाया’ इन्हीं चंद शब्दों के साथ हिंदी के सर्वश्रेठ और महान उपन्यासकार मुंशी प्रेमचंद ने अपनी अंतिम सांस ली। आइये जानते हैं कुछ अनसुने तथ्य इस माहान लेखक के बारे में..