महिला संगठनों और कार्यकर्ताओं ने विवाह विच्छेद पर उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत किया
राष्ट्रीय महिला आयोग की प्रमुख रेखा शर्मा, महिला कार्यकर्ताओं और वकीलों ने उच्चतम न्यायालय के उस फैसले का स्वागत किया है, जिसमें शीर्ष अदालत ने व्यवस्था दी है कि वह जीवनसाथियों के बीच आई दरार भर नहीं पाने के आधार पर हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 के तहत छह महीने की अनिवार्य अवधि के प्रावधान का इस्तेमाल किये बिना दोनों पक्षों को परस्पर सहमति के आधार पर तलाक की अनुमति दे सकता है।