सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश बना पुलिस के लिए सिर दर्द, हजारों कैदी उठा सकते हैं गलत फायदा, जानें पूरा मामला
सुप्रीम कोर्ट ने जमानत प्रक्रिया को आसान और पारदर्शी बनाने के लिए सॉफ्ट कॉपी से रिहाई की व्यवस्था लागू की है। अब कोर्ट के आदेश की डिजिटल प्रति ई-मेल के जरिए जेल पहुंचती है और कैदी को जल्द रिहाई मिलती है। हालांकि, फर्जी दस्तावेजों से बचाव के लिए पुलिस और जेल प्रशासन को विशेष सॉफ्टवेयर और प्रशिक्षण दिया जा रहा है। कोर्ट ने कहा है कि सात दिन तक रिहाई न होने पर DLSA को सूचित किया जाए।