सावन में झूला: भारतीय संस्कृति का भावनात्मक उत्सव और आनंद का प्रतीक, जानें कैसे हुई शुरुआत
झूला भारतीय जीवन-दर्शन, स्त्री संवेदना और भक्ति भाव का प्रतीक है। सावन आते ही यह पारंपरिक उत्सव न केवल उल्लास का अवसर बनता है, बल्कि स्मृति, विरह और आत्मिक आनंद का भी माध्यम बन जाता है। राधा-कृष्ण से लेकर सिया-राम तक, झूला भक्ति और प्रेम की अभिव्यक्ति है। आईये जानते हैं कि सावन में झूले की परंपरा का क्या महत्व है?